Israel Attack on Iran: शुक्रवार, 13 जून को ईरान के विदेश मंत्रालय ने इजरायल के हमले की निंदा की है। यही नहीं उसने एक बयान भी जारी किया है। ईरान ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 4 के अनुच्छेद 2 का उल्लंघन है और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के खिलाफ़ आक्रामकता दिखाता है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने बयान में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के शासन को अपराधी और आक्रमणकारी बताया।
इजराइल ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इजरायल का दावा है कि ईरान तेज़ी से परमाणु हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है, जो इजरायल के लिए एक बड़ा ख़तरा है।
अबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘अल्लाह के नाम पर, जो बहुत कृपा करने वाला और दयावान है… एक आपराधिक और दुर्भावनापूर्ण शासन ने हमारी प्यारी मातृभूमि ईरान पर एक आक्रामक हमला किया है। बयान में कहा गया है कि ईरान की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करते हुए, इजरायल ने तेहरान और अन्य शहरों के आवासीय क्षेत्रों सहित कई स्थानों पर हमला किया।’
ईरान का आरोप है कि इजरायली हमलों में रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वालों के साथ-साथ निर्दोष नागरिक भी शहीद हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 51 ईरान को इजरायल के इस आक्रामक हमले का जवाब देने का कानूनी अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि ईरान की सेनाएं देश की संप्रभुता की पूरी ताकत से रक्षा करेंगी और ऐसा करने में किसी भी तरह से संकोच नहीं करेंगी। उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और यूएन सदस्यों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने हमले के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका से समन्वय और अनुमति के बिना इतना बड़ा हमला नहीं कर सकते थे। उन्होंने यह कारण बताते हुए कहा कि इजरायल के इन हमलों के लिए अमेरिका को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
बयान में ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर में लिखे अपने कर्तव्यों का हवाला देते हुए यूएन महासचिव से त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया की मांग की है। उन्होंने यूएन के सभी सदस्यों से इजरायली हमले की तुरंत निंदा करने और इसका मुकाबला करने के लिए सामूहिक कदम उठाने की मांग की है।
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