Israel-Iran War:ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों को लेकर सवाल उठाने वाली खुफिया रिपोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नाराज कर दिया है। मंगलवार रात (अमेरिकी समयानुसार) इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए। उन्होंने इस रिपोर्ट के बारे में आई खबरों को फर्जी खबर बताया। ट्रंप ने कहा कि ‘सीएनएन ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमलों में से एक को कमतर आंकने की कोशिश की है। ईरान के परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।’
डोनाल्ड ट्रंप की यह टिप्पणी सीएनएन की उस रिपोर्ट के जवाब में आई है, जिसमें कहा गया था कि ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के बजाय उसे कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया है। सीएनएन ने वर्गीकृत रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के आकलन का हवाला दिया है।
आकलन में कहा गया है कि परमाणु स्थलों को हुए नुकसान और हमलों के प्रभाव का विश्लेषण जारी है और अधिक खुफिया जानकारी मिलने पर इसमें बदलाव हो सकता है। खुफिया आकलन ट्रंप के दावों से बिल्कुल अलग है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि ईरान के परमाणु संवर्धन सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट हो गईं।
आकलन से परिचित दो लोगों ने सीएनएन को बताया कि हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम नष्ट नहीं हुआ है। एक सूत्र ने कहा कि सेंट्री फ़्यूज़ काफी हद तक सुरक्षित हैं। वहीं, दूसरे व्यक्ति ने खुफिया जानकारी के आधार पर कहा कि अमेरिकी हमलों से पहले साइटों से संवर्धित यूरेनियम हटा दिया गया था।
व्हाइट हाउस ने खुफिया आकलन को स्वीकार कर लिया है, लेकिन इसमें किए गए दावों को पूरी तरह से झूठा बताया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक बयान जारी कर लीक की निंदा की और इसे एक हारे हुए व्यक्ति का काम बताया। उन्होंने इसे मिशन का संचालन करने वाले बहादुर अमेरिकी पायलटों का अपमान बताया।