Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच जंग थमने के बजाय और बढ़ता जा रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर भर-भर के बम बरसा रहे हैं। वहीं अब इस खूनी संघर्ष में दुनिया के सबसे ताकतवर देश की एंट्री हो सकती है। इस जंग में ट्रंप की सेनी कूद सकती है जिसकी संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। अमेरिका के रक्षा सचिव हेगसेथ ने सोमवार ( 16 जून 2025) को कहा कि उन्होने मिडिल इस्ट में अतिरिक्त रक्षात्मक क्षमताओं की तैनाती का आदेश दिया है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने इस बात का भी खुलासा नहीं किया कि उन्होने इस एरिया में कौन सी सैन्य क्षमताएं भेजी हैं। ये खबर इरान के लिए चिंता पैदा करने वाली हो सकती है।
रॉयटर्स के एक रिपोर्ट में सोमवार को बताया गया कि बड़ी संख्या में मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य ईंधन भरने वाले विमानों की तैनाती की गई है और एक विमानवाहक पोत को में भेजा गया है। इसके बाद मंगलवार कोलिए जी-7 समीट के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप ने एक पोस्ट कर लोगो को तेहरान छोड़ने के लिए कहा है। और ईरान की डील को स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं।
हेगसेथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अमेरिकी बलों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इन तैनातियों का उद्देश्य क्षेत्र में हमारी रक्षात्मक स्थिति को बढ़ाना है।” अमेरिका ने ईरान पर इजरायल के हमलों से खुद को दूर कर लिया है, लेकिन वह ईरान की मिसाइलों को रोकने में इजरायल का समर्थन कर रहा है।
ईरान ने अमेरिका को धमकी दी है कि अगर वह ईरान पर हमले करने के लिए इजराइल का साथ देगा, तो वह मध्य पूर्व में मौजूद उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा। अमेरिका के मध्य पूर्व के 19 देशों में सैन्य मौजूदगी है, जो ईरान का संभावित निशाना हो सकती है।
वाशिंगटन ने जानकारी दी है कि ट्रंप समय से पहले जी-7 शिखर सम्मेलन छोड़कर अमेरिका लौट आएंगे, वे बुधवार सुबह तक अमेरिका लौट सकते हैं। ऐसा मध्य पूर्व में चल रहे तनाव के कारण हो रहा है। देश लौटने के बाद वे मध्य पूर्व के दूत से मिलेंगे और सुरक्षा परिषद की बैठक भी कर सकते हैं।