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Operation Sindoor में भारत ने जिन हथियारों का किया था इस्तेमाल, हिंदुस्तान से वो खरीदना चाहता है इजरायल? फोन पर हुई सबसे बड़ी डील!

israel iran war:ईजरायल और ईरान के बीच जंग जारी है। इसी बीच इजरायल के एक टॉप डिफेस ऑफिसर ने भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से बात की। बता दें ये बातचीत फोन कॉल के जरिए हुआ। दोनों ही देश भारत और इजरायल ने इस बातचीत का ब्यौरा साझा नहीं किया है। लोकिन ये […]

क्या इजरायल की मदद करेगा भारत ?
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  • Last Updated: June 20, 2025 12:55:53 IST

israel iran war:ईजरायल और ईरान के बीच जंग जारी है। इसी बीच इजरायल के एक टॉप डिफेस ऑफिसर ने भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से बात की। बता दें ये बातचीत फोन कॉल के जरिए हुआ। दोनों ही देश भारत और इजरायल ने इस बातचीत का ब्यौरा साझा नहीं किया है। लोकिन ये फोन का कॉल ऐसे समय में आई है जब ईरान, इजरायल के हमलों का जवाब अपने पावरफुल मिलाइलों से दे रहा है। और इजरायल मिसाइलों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। वहीं ये भी बताया जा रहा है कि इजरायल गोला बारूद की कमी से जुझ रहा है।

मौजूदा स्थिति से कराया अवगत

भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इजराइल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक (सेवानिवृत्त) आमिर बराम ने खुद राजेश कुमार सिंह को फोन किया और उन्हें मौजूदा स्थिति (इजराइल-ईरान युद्ध) से अवगत कराया। भारत के रक्षा सचिव देश के गोला-बारूद और हथियारों के उत्पादन के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं। हथियारों की खरीद-फरोख्त से लेकर गोला-बारूद के निर्यात तक हर चीज के लिए रक्षा सचिव जिम्मेदार होते हैं।

ईरान का ऑपरेशन ट्रू-प्रॉमिस-3

बता दें ईरान ने  इजराइल के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के जवाब में ऑपरेशन ट्रू-प्रॉमिस-3 शुरू किया है। ईरान ने इजराइल के सबसे बड़े शहर तेल अवीव पर हाइपरसोनिक मिसाइल फतह का इस्तेमाल किया है। इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली इन ईरानी मिसाइलों को रोकने में विफल रही है।

एरो मिसाइल सिस्टम की कमी

बता दें इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ईरान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने के लिए अमेरिका की मदद से विकसित एरो मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करती है, लेकिन जानकारी के मुताबिक इजराइल के पास बहुत कम दिनों के लिए एरो मिसाइल बची हैं। ऐसे में अगर अमेरिका मदद नहीं करता या युद्ध में नहीं कूदता तो आने वाले दिन इजराइल के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। एरो की रेंज करीब 2400 किलोमीटर है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि इजराइल को भारत से गोला-बारूद या एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के आईएसीसीएस और आकाशतीर सिस्टम ने पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया था।

बता दें कि इजरायल कम दूरी की मिलाइलों जैसे कि रॉकेट और ड्रोन को मारने के लिए आयरन डोम का इस्तामाल करती है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जंग के दौरान ईरान के तरफ से दागी गई 300 मिलाइलों में से 40 मिसाइलें ऐसी थी जिसे एरो या आयरन डोम डिटेक्ट नहीं कर पाए। ईरान के हमले में इजरायल के हाइफा पोर्ट को भारी नुकसान हुआ है।

भारत और इजरायल के बीच मजबूत रक्षा संबंध हैं। इजरायल ने मुस्किलों में हमेशा भारत की मदद की है। हाल ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने इजरायली ड्रोन का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और रडार को तबाह कर दिया।

पिछले दो सालों से जंग लड़ रहा है इजरायल

बता दें इजरायल पिछले दो सालों से इजरायल हमास और उसके बाद हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों से जंग लड़ रहा है। ऐसे में इजरायल गोला-बारूद की कमी से जूझ रहा है। इजरायल को खास तौर पर लंबी दूरी की एरो मिसाइल प्रणाली की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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