Iran Israel Conflict : ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में हुए सैन्य टकराव पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। मध्य पूर्व के दो शक्तिशाली देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। इतना ही नहीं इजरायल के हमले के बाद शेयर बाजार पर भी बुरा असर पड़ा है और निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए हैं।
इस युद्ध के और आगे बढ़ने की आशंका है, जिसके चलते दुनियाभर के देश टेंशन में हैं। अगर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध शुरू होता है तो सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित होगी, जिसके चलते कई चीजें महंगी होने की संभावना है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और इजरायल-ईरान के बीच युद्ध का भारत पर क्या असर होगा? भारत इन दोनों देशों से कौन सी चीजें मंगवाता है और कौन सी चीजें महंगी होने की संभावना है?
भारत और इजरायल के बीच लंबे समय से व्यापारिक संबंध रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने इजरायल को 2.1 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया है, जबकि 1.6 अरब डॉलर का सामान आयात किया है। भारत इजरायल से ज्यादातर रक्षा क्षेत्र से जुड़ी वस्तुओं का आयात करता है और यह देश भारत का 32वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
भारत इजरायल से रडार, निगरानी, लड़ाकू ड्रोन, मिसाइल समेत सैन्य हार्डवेयर आयात करता है। इसके अलावा वह मोती, कीमती पत्थर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, खाद, रासायनिक उत्पाद भी आयात करता है।
ईरान और भारत के बीच कारोबार की बात करें तो वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने ईरान को 1.2 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया है और 441.9 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया है। भारत ईरान से कच्चा तेल, सूखे मेवे, रसायन, कांच के बर्तन आयात करता है। इसके अलावा भारत से बासमती चावल, चाय, कॉफी और चीनी का निर्यात किया जाता है।
अगर ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष आगे बढ़ता है तो विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कच्चे तेल की कीमत में भारी उछाल आ सकता है, जिसका असर पूरी सप्लाई चेन पर पड़ेगा और आयात-निर्यात महंगा हो जाएगा। इसके अलावा मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने से फ्लाइट का किराया भी बढ़ सकता है। दरअसल, पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से भारतीय एयरलाइंस खाड़ी देशों से होकर यात्रा करती हैं। युद्ध के समय इन एयरलाइंस को दूसरा रास्ता तलाशना पड़ेगा।