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जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा बने बाजीगर, चुनाव में करारी हार के बावजूद मिली सत्ता

जापान के सत्तारूढ़ गठबंधन को हाल ही में एक दशक से भी ज़्यादा समय में अपनी सबसे बड़ी चुनावी हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद, वहां की संसद ने एक बार फिर शिगेरु इशिबा को देश का प्रधानमंत्री चुना है.

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  • Last Updated: December 10, 2024 15:06:48 IST

 

Look Back 2024: जापान की संसद ने एक बार फिर शिगेरू इशिबा को देश का प्रधानमंत्री चुना है. लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने संसद में बहुमत खो दिया है. आपको बता दें कि सत्तारूढ़ गठबंधन लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को एक दशक से भी अधिक समय में अपनी सबसे बड़ी चुनावी हार का सामना करना पड़ा है. जिसके कारण उन्हें शपथ लेने के एक महीने बाद ही दूसरा मंत्रिमंडल बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) और सहयोगी कोमिटो ने 27 अक्टूबर को हुए चुनाव में 465 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत खो दिया था.

पहली बार रन ऑफ मतदान हुआ

एलडीएफ नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. आम चुनाव के 30 दिनों के भीतर आवश्यक मतदान के लिए संसद का विशेष सत्र आयोजित किया गया. जापान में 30 सालों में पहली बार रनऑफ मतदान हुआ. इस रनऑफ मतदान में इशिबा को 221 वोट मिले जो कि 233 बहुमत की सीमा से कम होने के बावजूद विपक्ष के नेता योशिहिको नोडा से अधिक थे. इशिबा ने विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, रक्षा मंत्री जनरल नकातानी और मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा समेत अपने अधिकांश पिछले कैबिनेट के सदस्यों को फिर से नियुक्त किया. हालांकि उन्हें उन लोगों को बदलना पड़ा, जो अपनी सीटें हार गए थे.

तुरंत चुनाव कराने की घोषणा पड़ा भारी

इशिबा ने अक्टूबर की शुरुआत में देश के 102वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अचानक अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तुरंत चुनाव की घोषणा कर दी. बता दें मजबूत जनादेश होने के बावजूद उन्हें एक बड़ा झटका लगा, बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार से निराश मतदाताओं ने सत्तारूढ़ गुट को 2009 के बाद से सबसे कम सीटें दीं.

एलडीपी और कोमिटो ने संसद के शक्तिशाली सदन में 465 सीटों में से कुल 215 सीटें जीतीं, जो बहुमत के लिए आवश्यक 233 सीटों से कम है। एलडीपी ने अकेले 191 सीटें जीतीं, जो चुनाव से पहले उसके पास मौजूद 247 सीटों से काफी कम है. इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी दल कांस्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना प्रतिनिधित्व काफी हद तक बढ़ाया तथा चुनाव से पूर्व उसकी सीटें 98 थीं, जो बढ़कर 148 हो गईं.

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