नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ तीखा बयान दिया है। उन्होंने कश्मीर पर भारत से सार्थक और निर्णायक बातचीत का आह्वान किया। यह बयान तब आया जब पाकिस्तान ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ मना रहा है और देश अपने आंतरिक मुद्दों को छोड़कर कश्मीर पर एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले एक दशक से द्विपक्षीय वार्ता बंद है। भारत का स्पष्ट कहना है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकतीं और इस कारण से पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत का विरोध कर रहा है।

हर साल 5 फरवरी को पाकिस्तान उगलता है जहर

हर साल 5 फरवरी को पाकिस्तान कश्मीर एकजुटता दिवस मनाता है, इस दिन पाकिस्तान के नेता भारत के खिलाफ तीखे बयान देते हैं और खुद को कश्मीरियों का सबसे बड़ा समर्थक साबित करने की कोशिश करते हैं। हालांकि, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लोग आज भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और क्षेत्र पूरी तरह से पाकिस्तान की सैन्य उपस्थिति से घिरा हुआ है।

कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया

इस दिन के अवसर पर शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की विधानसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के नागरिकों की ओर से कश्मीरियों के प्रति एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों और अलगाववादियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेगा। शहबाज ने भारतीय सेना की कश्मीर में उपस्थिति की निंदा की और कश्मीरियों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया।

370 आर्टिकल पर बौखलाए थे शहबाज

इसके अलावा, शहबाज शरीफ ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचना की और आर्टिकल 370 की पुनः बहाली की मांग की। उन्होंने भारत को चेतावनी दी कि कश्मीरियों का खून बहाकर कोई समाधान नहीं मिलेगा और इतिहास उन लोगों को याद रखता है जो उत्पीड़न के जिम्मेदार होते हैं। पीएम शहबाज ने पाकिस्तान की परमाणु-सशस्त्र स्थिति का जिक्र करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीरियों के हक में अपनी आवाज उठाने की प्रतिज्ञा की।

Read Also: अमेरिका ने 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया, US एयरफोर्स का विमान अमृतसर में उतरा, इनमें पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग