Iran Supreme Leader Khamenei : इजरायल-ईरान जंग की शुरूआत से ही सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान आर्मी ने एक बंकर में छिपे हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 13 जून को ही खतरे को देखते हुए उन्हें तेहरान के पास एक बंकर में छिपा दिया गया था। उस दिन से लेकर अभी तक तेल-अवीव और वाशिंगटन तक उन्हीं की चर्चा हो रही है।
लेकिन सीजफायर की खबरों के बाद अब सुनने में आ रहा है कि खामेनेई 28 जून (शनिवार) को बंकर से बाहर निकल सकते हैं। असल में ईरान की तरफ से ऐलान किया गया है कि 28 जून को इजराइली हमले में मारे गए कमांडर और वैज्ञानिकों का वो अंतिम संस्कार करेगा। ऐसे में इस बात की संभावनाएं है कि ईरान के इन शहीद सैनिकों के जनाजा-ए-नमाज में खामेनेई भी शामिल हो सकते हैं।
खामेनेई ईरान में सत्ता के मुखिया ही नहीं बल्कि धार्मिक प्रमुख भी हैं। इससे पहले भी वे बड़े कमांडरों या अफसरों के अंतिम संस्कार में शामिल हो चुके हैं। जब लेबनान के बेरूत में हिजबुल्लाह प्रमुख नसरुल्लाह का अंतिम संस्कार हुआ तो खामेनेई उसमें शामिल होने बेरूत पहुंचे थे। नसरुल्लाह को खामेनेई का करीबी माना जाता था।
2020 में जब इराक में जनरल कासिम सुलेमानी का अंतिम संस्कार हुआ तो खामेनेई रो पड़े थे। उन्होंने सुलेमानी की मौत को कभी न भूलने वाली घटना बताया था।
सुलेमानी की हत्या का आरोप अमेरिकी एजेंसियों पर लगा था। पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कहा जा रहा है कि खामेनेई इस बार भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बंकर से बाहर आएंगे।
ईरानी सरकार के मुताबिक कमांडर और वैज्ञानिकों को 28 जून को सुबह 8 बजे तेहरान में दफनाया जाएगा। दफनाने की प्रक्रिया पूरी करने से पहले तेहरान में ही अंतिम नमाज पढ़ी जाएगी। कहा जा रहा है कि खामेनेई खुद इसका नेतृत्व कर सकते हैं।
खामेनेई की सुरक्षा का जिम्मा ईरान के स्पेशल सिक्योरिटी गार्ड को सौंपा गया है। इसे सेपाह-ए-वली-ए-अम्र कहते हैं। इस फोर्स में करीब 12 हजार अंगरक्षक हैं। जो अलग-अलग तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। युद्ध शुरू होते ही खामेनेई ने खुद को वली-अम्र के हवाले कर दिया था, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित बंकर में ले जाया गया।