नई दिल्ली: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए आतंकी हमले में 16 सैनिकों की मौत की जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने ली है और कहा है कि 16 नहीं 35 जवानों को मारा। यह हमला दक्षिण वजीरिस्तान के माकिन के लिटा सर इलाके में स्थित एक सुरक्षा चौकी पर किया गया था। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
खैबर पख्तूनख्वा लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। पाकिस्तान अक्सर इन हमलों के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार ठहराता है। साथ ही, पाकिस्तान का यह भी दावा है कि अफगान तालिबान सरकार टीटीपी के आतंकियों को शरण दे रही है।
खैबर पख्तूनख्वा में हिंसा और आतंकी हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में प्रांत के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ बातचीत ही क्षेत्र में शांति कायम करने का एकमात्र तरीका हो सकता है। गंदापुर, जो इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा को महत्वपूर्ण बताया था।
पाकिस्तान में विस्फोट और हमले की घटनाएं आम हो गई हैं। कुछ दिनों पहले क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए एक बम धमाके में 25 लोगों की मौत हुई थी और 50 से अधिक घायल हो गए थे। इसके अलावा, नॉर्थ वजीरिस्तान में एक और धमाके में चार सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। खैबर पख्तूनख्वा के एक स्कूल के पास हुए बम धमाके में दो बच्चों की भी मौत हुई थी। वहीं खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ते हालात और बढ़ती हिंसा पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बन गए हैं। वहीं इस हमले के बाद देश में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
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