नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। इस बीच मनमोहन सिंह के 10 साल के प्रधानमंत्री के कार्यकाल की खूब चर्चा की जा रही है। बता दें कि मनमोहन सिंह बतौर प्रधानमंत्री पड़ोसी देश पाकिस्तान को लेकर काफी सख्त थे। वो कई मायनों में पाकिस्तान को लेकर मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा कठोर थे।
कभी नहीं किया दौरा
साल 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने कभी पाकिस्तान के दौरे पर नहीं गए। बतौर पीएम उन्होंने एक बार भी पड़ोसी मुल्क का दौरा नहीं किया। वहीं, वर्तमान प्रधानमंत्री की बात करें पीएम मोदी एक बार पाकिस्तान के दौरे पर जा चुके हैं। साल 2015 में पीएम मोदी तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के घर पर शादी में शामिल होने के लिए पाक गए थे।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
बता दें कि मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के गह गांव में हुआ था। हालांकि पाकिस्तान में जन्म के बावजूद डॉ. सिंह बतौर पीएम कभी भी पाकिस्तान के दौरे पर नहीं गए।
विरोधी भी करते थे सम्मान
डॉ. मनमोहन सिंह शांत और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे, जिसके कारण उन्हें उनके राजनीतिक विरोधी भी उनका सम्मानित करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वह भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के रूप में 1985 से 1987 तक कार्य किया। इसके साथ ही, वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे, जहां उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिन्हें आज भी याद किया जाता थे।
आर्थिक सुधारों में अहम रोल
आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़े कई फैसले किए, जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली।
इसके साथ ही, उन्हें कई प्रमुख सम्मान मिले, जिनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड सहित अन्य कई पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां भी मिली।