Inkhabar
  • होम
  • दुनिया
  • मिखाइल गोर्बाचेव: मजदूर का बेटा जिसके राष्ट्रपति रहते टूट गया सोवियत संघ

मिखाइल गोर्बाचेव: मजदूर का बेटा जिसके राष्ट्रपति रहते टूट गया सोवियत संघ

मिखाइल गोर्बाचेव: नई दिल्ली। सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 91 वर्ष की उम्र अपनी अंतिम सांस ली। गोर्बाचेव का बिना किसी खून खराबे के शीत युद्ध खत्म करने में अहम योगदान था। रूसी एजेंसियों ने मंगलवार को उनके निधन की सूचना दी है। गुर्दे की बीमारी […]

Mikhail Gorbachev
inkhbar News
  • Last Updated: August 31, 2022 13:49:15 IST

मिखाइल गोर्बाचेव:

नई दिल्ली। सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 91 वर्ष की उम्र अपनी अंतिम सांस ली। गोर्बाचेव का बिना किसी खून खराबे के शीत युद्ध खत्म करने में अहम योगदान था। रूसी एजेंसियों ने मंगलवार को उनके निधन की सूचना दी है।

गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे

रूसी मीडिया के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव गुर्दे की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें जून में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि उनकी मौत किस वजह से हुई है।

राष्ट्रपति पुतिन ने जताया दुख

बता दें कि, गोर्बाचेव के निधन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुख व्यक्त किया है। क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने सोवियत राजनेता के निधन पर अपनी गहरी सहानुभूति व्यक्त की है।

सोवियत पतन के लिए जिम्मेदार!

सोवियत संघ के अंतिम नेता मिखाइल गोर्बाचेव के लिए माना जाता है कि वो सोवियत संघ के पतन को रोकने में विफल रहे। उन्हें संघ के टूटने के लिए जिम्मेदार बताया जाता है। साल 1989 में जब कम्युनिस्ट पूर्वी यूरोप में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन शुरू हुए थे तब उन्होंने बल प्रयोग करने से परहेज किया था। जिसका परिणाम ये हुआ कि अगले 2 सालों में सोवियत संघ बिखर गया और 15 गणराज्यों में टूट गया।

मजदूर के घर में हुआ था जन्म

गौरतलब है कि मिखाइल गोर्बाचेव के जन्म 2 मार्च 1931 को सोवियत संघ के स्टावरोपोल राज्य के एक गांव में हुआ था। उनके माता-पिता मजदूर थे। उन्होंने मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी ले लॉ में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद गोर्बाचेव ने कुछ दिनों तक एक फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर के रूप में नौकरी की। बाद में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में अपना अधिकांश वक्त समर्पित कर दिया।

बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना