नई दिल्ली। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर भारत में बवाल मच गया है। उनके साथ जिस तरह का सुलूक करते हुए अमेरिका ने वापस भेजा है, उसे लेकर विपक्षी दलों ने भारत सरकार को घेर लिया है। इस मामले में अमेरिकी मीडिया ने भी प्रमुखता से खबर प्रकाशित की है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डियर फ्रेंड कहते हैं और इनकी वजह से उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
अपने ही घर में शर्मिंदा हुए मोदी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने छापा है कि 40 घंटों तक अवैध अप्रवासियों को हथकड़ियों में रखा गया। उन्हें शौचालय तक नहीं जाने दिया। अमेरिकी दूतावास इस मामले में जवाब नहीं दे रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स से भगाये गए सुखपाल के पिता प्रेमपाल सिंह से बात भी की है। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से ट्रंप ने भेजना शुरू किया है। ट्रंप को लेकर भारत पहले से ही सतर्कता बरत रहा है। अमेरिकी मीडिया आउटलेट ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत सरकार को अपने घर में इस मामले में शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
12 दिन तक ऐसे ही रहे
होशियारपुर के दारापुर गांव के रहने वाले सुखपाल सिंह ने बताया कि अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद उन्हें एक शिविर में रख दिया गया था। वहां पर उन्हें खाने में गोमांस और स्नैक्स मिलता था। धर्म की वजह से वो लोग बीफ नहीं खा सकते थे तो ऐसे में 12 दिन तक स्नेक्स खाकर ही गुजारा किया। शिविर में उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। भारत आने के बाद इन लोगों ने पेटभरकर भोजन किया है। इससे पहले नर्क की जिंदगी जी रहे थे।
क्यों निकाले गए भारतीय?
20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया था कि वो अवैध प्रवासियों को यहां से निकाल रहे हैं। बकौल ट्रंप ये लोग बहुत बुरे और खूंखार अपराधी है। ये सब हत्यारे हैं और इतने खतरनाक है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए सबसे पहले इनको निकालना जरूरी है। ट्रंप ने ‘लैकेन रिले एक्ट’ साइन किया, जिसके बाद अमेरिकी अधिकारियों को अवैध अप्रवासियों को निकालने का अधिकार मिला। 15 लाख लोगों की लिस्ट तैयार हुई, जिसमें 20,407 भारतीय भी शामिल हैं।