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चोरी की तकनीक हासिल करने में चीन सबसे आगे! 60% से ज्यादा हथियार इस देश की सेना से किए कॉपी, फिर भी भारत को दिखाता है अकड़

Chinese Copying Technology : दुनिया के सभी देश नई तकनीक के अनुसंधान और विकास में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। लेकिन चीन एक ऐसा देश है, जो दूसरे देशों से तकनीक चुराता है और उसकी कॉपी बनाने में पैसा खर्च करता है। चीन दशकों से इस काम में लगा हुआ है। चीनी हैकर्स अमेरिका […]

Chinese Copying Technology : चोरी की तकनीक हासिल करने में चीन सबसे आगे!
inkhbar News
  • Last Updated: June 10, 2025 17:33:07 IST

Chinese Copying Technology : दुनिया के सभी देश नई तकनीक के अनुसंधान और विकास में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। लेकिन चीन एक ऐसा देश है, जो दूसरे देशों से तकनीक चुराता है और उसकी कॉपी बनाने में पैसा खर्च करता है।

चीन दशकों से इस काम में लगा हुआ है। चीनी हैकर्स अमेरिका समेत दूसरे देशों की प्रोजेक्ट फाइलों में सेंध लगाते हैं। अमेरिका भी चीन की इस महारत से वाकिफ था और यही वजह थी कि एबटाबाद में लादेन को मारने गया नेवी सील्स का ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था।

अमेरिका ने पूरी कोशिश की कि उसकी तकनीक किसी के हाथ न लगे, इसलिए उसने हेलिकॉप्टर को नष्ट कर दिया। लेकिन ब्लैक हॉक की तकनीक पाकिस्तान के जरिए चीन तक पहुंच गई। हैरान करने वाली बात ये है कि 2 मई 2011 को नेवी सील कमांडो ने लादेन को एबटाबाद में मार गिराया था ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने यह डिजाइन वहीं से चुराया होगा।

F-35 और F-16 की भी नकल

अमेरिका को लगता है कि चीन अपने विमान या आधुनिक सैन्य उपकरणों की तकनीक उन मित्र देशों से पिछले दरवाजे से हासिल करता है, जिन्हें वह इन्हें बेचता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने फैसला किया है कि वह लॉकहीड मार्टिन एफ-22 रैप्टर स्टील्थ फाइटर किसी अन्य देश को नहीं बेचेगा।

रिवर्स इंजीनियरिंग हथियारों पर जारी रिपोर्ट की बात करें तो चीन ने अमेरिकी एफ-35 का क्लोन शेनयांग एफसी-31 बनाना शुरू किया था, जिसे 2013 में जे-35 नाम दिया गया था। विमान का फ्यूजलेज, कैनोपी और यहां तक ​​कि कॉकपिट भी बिल्कुल अमेरिकी एफ-35 जैसा ही है। पांचवीं पीढ़ी के दोनों स्टील्थ विमान देखने में एक जैसे लगते हैं। अमेरिकी एफ-16 के चीनी वर्जन को जे-10 नाम से सेना में शामिल किया गया है

ड्रोन, ट्रांसपोर्ट तकनीक भी की चोरी

अमेरिका ने विमानवाहक पोतों से संचालन के लिए मानवरहित लड़ाकू वायु वाहन (यूसीएवी) एक्स-47बी विकसित किया था। इसकी पहली उड़ान 2011 में हुई थी। इसके ठीक दस साल बाद चीन ने इसकी चीनी प्रति लिजियन शार्प स्वॉर्ड मानवरहित लड़ाकू वायु वाहन सीएच-7 विकसित की। अमेरिकी मानवरहित हेलीकॉप्टर एमक्यू-8 फायर स्काउट एसवीयू-200 फ्लाइंग टाइगर का क्लोन, अमेरिकी एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन का चीनी मॉडल चेंगदू विंग लूंग, सीएच-4/5/6/7 ड्रोन चीनी सेना में शामिल हैं।

अमेरिकी हम्वी लाइट ट्रक का क्लोन चीनी सेना में डोंगफेंग ईक्यू2050 ब्रेव सोल्जर के नाम से उपलब्ध होगा। सबसे बड़ी चीज जो चीन ने चुराई है, वह है दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक विमान अमेरिका के सी-17 ग्लोबमास्टर III की तकनीक आज चीन के पास अमेरिकी C-17 ग्लोबमास्टर III की हूबहू नकल Y-20 नाम से मौजूद है। इसके अलावा चीन के पास अमेरिकी नौसेना के एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&CS) E-2 हॉकआई की KJ-600 नाम से नकल भी मौजूद है।

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