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नोबेल विजेता अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर ने नोटबंदी पर उठाये सवाल, बताया बड़ी चूक

थेलर का कहना है कि 2000 रुपए की करेंसी लाने की योजना समझ नहीं आया. इससे देश से काला धन खत्म करना और देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने सरीखे उद्देश्य मुश्किल हो गए.

Richard Thaler
inkhbar News
  • Last Updated: November 20, 2017 08:11:44 IST

न्यूयॉर्क. 2016 में भारत में हुए नोटबंदी पर 2017 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर ने सवाल उठाए हैं. थेलर का कहना था कि मोदी सरकार का नोटबंदी का विचार सही था लेकिन उसे लागू करने में बड़ी खामियां थीं. थेलर ने नोटंबदी के बाद केंद्र सरकार के द्वारा 2000 का नोट बाजार में लाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत सरकार का ये कदम समझ से परे है. थेलर ने कहा कि भारत में नोटबंदी हुई तो नोटों की जल्द आपूर्ति के लिए सरकार ने 2000 रुपए का नोट चलाया, कालाधन रोकने के लिए सरकार का यह कदम भी गले नहीं उतरता. थेलर ने यह बात शिकागो यूनिवर्सिटी में एक व्याख्यान के दौरान कहीं.

8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करने के बाद थेलर ने ट्वीट कर कहा था कि वो इस कदम के शुरू से पक्षधर थे हालांकि बाद में उन्होंने इस पर अफसोस जाहिर किया था कि 2000 रुपए की करेंसी जारी की गई. नोटबंदी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए थेलर ने कहा कि करप्शन मिटाने का यह कॉन्सेप्ट अच्छा था लेकिन इसको लागू करने में बड़ी चूक हुई. 2017 में मनोवैज्ञानिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में थेलर की उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. थेलर ने मनोविज्ञान के साथ अर्थशास्त्र को किस तरह जोड़ा जाए इस क्षेत्र पर उन्होंने काम किया है.

आपको बता दें कि बता दें कि 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने नोटबंदी यानि देश में 1000 और 500 के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था. थेलर ने कहा की भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नोटबंदी एक सही कदम था. बता दें कि थेलर शिकागो यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं. थेलर को इसी साल इकोनॉमिक साइंस में नोबेल पुरस्कार दिया गया है.

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