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दुनिया : चीन के साथ व्यापार-सुरक्षा समझौते पर 10 देशों ने किया इनकार

नई दिल्ली, चीन को अब बड़ा झटका लगा है. जहां क्वॉड देशों की हाल बैठक में प्रशांत महासागर देशों के दौरे पर निकले चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फिजी से खाली हाथ लौटना पड़ा है. जहां चीन के साथ व्यापार और सुरक्षा पर क्षेत्रीय समझौते के प्रस्ताव पर 10 देशों ने इनकार किया […]

Wang yi
inkhbar News
  • Last Updated: May 31, 2022 17:44:38 IST

नई दिल्ली, चीन को अब बड़ा झटका लगा है. जहां क्वॉड देशों की हाल बैठक में प्रशांत महासागर देशों के दौरे पर निकले चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फिजी से खाली हाथ लौटना पड़ा है. जहां चीन के साथ व्यापार और सुरक्षा पर क्षेत्रीय समझौते के प्रस्ताव पर 10 देशों ने इनकार किया है.

दरअसल सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने फिजी में प्रशांत क्षेत्र के 10 देशों के विदेश मंत्रियों से हाई-प्रोफ़ाइल मुलाक़ात की थी. इस मुलाकात के बाद उन्हें चीन खाली हाथ लौटना पड़ा है. जहां प्रशांत महासागर के देशों ने चीन से व्यापार और सुरक्षा पर क्षेत्रीय समझौते करने से इनकार कर ​दिया है. देशों को यह आशंका है कि इस प्रस्ताव से चीन उन्हें अपने पक्ष में लेना चाहता है.

प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं सहयोग

फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बेनिमरामा ने इस बात पर बयान देते हुए कहा, 10 देशों के बीच इस निर्णय के अनुसार हम साथ चलने के लिए एकजुट हैं. उन्होंने आगे बताया कि प्रशांत क्षेत्र के देश किसी भी नए क्षेत्रीय समझौते के पहले इलाक़े के सभी देश हमेशा आपसी सहमति से फ़ैसला लेते हैं. इस बारे में पीएम फ्रैंक ने ट्वीट भी किया है. उन्होंने इस ट्वीट में लिखा, ”प्रशांत क्षेत्र सच्चे सहयोगी चाहते हैं न कि पावर पर बहुत ज़ोर देने वाले सुपरपावर को. मंत्री वांग यी से मुलाक़ात शानदार रही. हम अवैध तरीक़े से मछली मारने पर रोक लगाने, प्रशांत इलाक़े को सुरक्षित रखने और फिजी का निर्यात बढ़ाने के लिए चीन का मज़बूत समर्थन चाहते हैं.”

क्या है चीन के मंसूबे

बता दें, पिछले कुछ समय से चीन प्रशांतीय देशों के बीच मुक्त व्यापार, पुलिस सहयोग, आपदा से निपटने सहित कई मसलों पर उसके विस्तृत समझौते करना चाहता है. चीन इस हिस्से में अपनी सक्रियता ज़ोर-शोर से बढ़ाना चाहता है जिससे अमेरिका और उसके सहयोगियों की चिंता बढ़ सके. फ़िलहाल चीन की ये ख़्वाहिश पूरी होती नज़र नहीं आ रही है. चीन के इन प्रस्तावों को लेकर प्रशांत देश सहज नहीं हैं. जहां माइक्रोनेशिया के राष्ट्रपति डेविड पैन्यूलो ने इस प्रस्ताव के बारे चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि इस समझौते से चीनी सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर ज़्यादा दखल करेगी.

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