मुजफ्फरपुर के आफताब आलम चर्चे में हैं, उन्होंने पाकिस्तानी महिला सायना कौसर से शादी की है. पहलगाम आतंकी हमले ने उन्हें अंदर से हिलाकर रख दिया है. आफताब काफी गुस्से में हैं और उन्होंने मोदी सरकार से आर-पार की लड़ाई की मांग कर डाली है. आफताब ये कहना नहीं भूलते कि देश पहले है, परिवार बाद में, जरूरत पड़ी तो पत्नी-बेटी की कुर्बानी देने को भी तैयार हैं.
मुजफ्फरपुर जिले के औराई निवासी आफताब आलम इन दिनों काफी गुस्से में हैं. वह पाकिस्तानी दामाद हैं लेकिन पहलगाम आतंकी हमले ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया है. वह कहते हैं कि अब सर्जिकल स्ट्राइक से काम नहीं चलेगा. लड़ाई आर-पार की होनी चाहिए. जबसे उनसे पूछा गया कि उनकी पत्नी तो पाकिस्तान की है और वह पाकिस्तान के दामाद हैं, इस पर वह कहते हैं कि देश से बड़ा कोई नहीं हो सकता. पत्नी और बेटी उनकी प्यारी है लेकिन जरूरत पड़ी तो वह उनकी कुर्बानी देने को तैयार हैं.
दरअसल, आफताब आलम ने पाकिस्तानी महिला सायना कौसर से निकाह किया है. आफताब आलम की पत्नी सायना कौसर और बेटी आफिया इस समय पाकिस्तान के करांची शहर में हैं. बेटी वहां पर एक निजी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ रही है, जबकि पत्नी मद्धेशिया कॉलेज, करांची में पढ़ा रही हैं.
आफताब और सायना कौसर की शादी 2012 में पाकिस्तान में हुई थी. बकौल आफताब वह अपनी फुआ से मिलने पाकिस्तान गए थे और वहीं दोनों परिवारों की सहमति से उनका निकाह तय हो गया. उनकी फुआ का परिवार पहले बिहार के सीतामढ़ी जिले के बेलसंड से ताल्लुक रखता है. बांग्लादेश में फूफू रेलवे अधिकारी के रूप में नौकरी करते थे लिहाजा परिवार बांग्लादेश चला गया. 1971 में बांग्लादेश के अलग देश बनने के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था.
शादी के बाद आफताब ने पत्नी और बेटी के लिए छह बार लॉन्ग टर्म वीजा हेतु आवेदन किया, लेकिन वीजा नहीं मिल सका. जब भी पत्नी और बेटी भारत आती थीं, वो 6 महीने से एक साल तक रुकती थीं. वीजा खत्म होने पर लौट जाती हैं. आखिरी बार 22 नवंबर को उनकी पत्नी और बेटी भारत आई थी और 25 फरवरी को अटारी बॉर्डर के रास्ते वापस पाकिस्तान चली गईं.
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