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बलूचिस्तान में पाक सेना का सफाया, मंगोचर पर बलूच विद्रोहियों का कब्जा, पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेके!

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कलात जिले के मंगोचर शहर पर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में विद्रोहियों को सरकारी इमारतों और दफ्तरों पर नियंत्रण करते देखा गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है. जब पाकिस्तान ने भारत से संभावित हमले की आशंका जताते हुए अपनी पश्चिमी सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई थी. क्या यह मंगोचर की हार बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के सफाए का संकेत है?

Balochistan Conflict News
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  • Last Updated: May 3, 2025 18:15:26 IST

Balochistan Conflict: पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए. जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कलात जिले के मंगोचर शहर पर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में विद्रोहियों को सरकारी इमारतों और दफ्तरों पर नियंत्रण करते देखा गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है. जब पाकिस्तान ने भारत से संभावित हमले की आशंका जताते हुए अपनी पश्चिमी सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई थी. क्या यह मंगोचर की हार बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के सफाए का संकेत है?

मंगोचर पर कब्जा

शनिवार को सामने आए वीडियो और रिपोर्ट्स के अनुसार बलूच विद्रोहियों ने मंगोचर में पाकिस्तानी सेना के शिविर पर हमला किया और कई हथियार जब्त किए. शहर में हुई झड़पों में विद्रोहियों ने सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया. बीएलए ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में 50 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. जबकि पाकिस्तानी सेना ने 18 सैनिकों और 33 विद्रोहियों सहित 64 लोगों के मारे जाने की बात कही. बीएलए ने इन आंकड़ों का खंडन करते हुए 214 बंधकों को मारने का दावा किया. जिसमें ज्यादातर सैनिक शामिल थे. यह हमला बीएलए के ‘ऑपरेशन हेरोफ’ का हिस्सा बताया जा रहा है जिसके तहत विद्रोहियों ने बलूचिस्तान के कई हिस्सों में नियंत्रण कर लिया है.

बलूच विद्रोही भारी, पाकिस्तानी सेना बैकफुट पर

पिछले कुछ महीनों में बीएलए ने बलूचिस्तान में हमले तेज किए हैं. 26 अप्रैल 2025 को क्वेटा में हुए आईईडी विस्कोट में 10 अर्धसैनिक बलों के जवान मारे गए थे. जिसकी जिम्मेदारी बीएलए ने ली. मार्च में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक और नोशकी में सैन्य काफिले पर हमले जैसे बड़े ऑपरेशनों ने पाकिस्तानी सेना की कमजोरी उजागर की. अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में बीएलए ने 150 से अधिक हमले किए जो हर महीने औसतन 12 हमलों के बराबर है. मंगोचर पर कब्जा बीएलए की रणनीतिक ताकत और संगठनात्मक क्षमता को दर्शाता है जिसने पाकिस्तानी सेना को बैकफुट पर ला दिया है.

भारत और बलूच विद्रोह

पहलगाम हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक और आर्थिक कदम उठाए. जिसमें पाकिस्तान से डाक सेवाएं और आयात खासकर सेंधा नमक पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है. भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित करने और अटारी सीमा बंद करने जैसे कदम भी उठाए. इस बीच पाकिस्तान ने अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर अपनी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश की लेकिन बलूचिस्तान में उसकी सेना की हार ने इन प्रयासों पर पानी फेर दिया. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की हिंदू-विरोधी टिप्पणी के बाद पहलगाम हमला हुआ. जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने शुरू में स्वीकार किया लेकिन बाद में इनकार कर दिया.

क्या हार गई पाकिस्तानी सेना?

मंगोचर पर बलूच विद्रोहियों का कब्जा और लगातार हमले पाकिस्तानी सेना की रणनीतिक विफलता को दर्शाते हैं. बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है. फिर भी बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तान और चीन इन संसाधनों का दोहन कर रहे हैं. जिसके खिलाफ उनकी लड़ाई है. 1947 में बलूचिस्तान को जबरन पाकिस्तान में शामिल करने के बाद से यह विद्रोह जारी है. हाल के हमलों और मंगोचर की घटना ने साबित किया है कि बीएलए अब पहले से कहीं अधिक संगठित और शक्तिशाली है.

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