Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा एक्शन लिया है। पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत ने चिनाब नदी का पानी रोक दिया है। रविवार को बगलिहार डैम का फाटक बंद कर दिया गया। इससे पाकिस्तान जाने वाले पानी का बहाव 90 फीसदी कम हो गया है। बताया जा रहा है कि सरकार किशनगंगा बाँध पर भी इसी तरह का कदम उठाने का सोच रही है।
सूत्रों के अनुसार, भारत जम्मू के रामबन में बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा हाइड्रो पावर बांध के जरिए अपनी तरफ से पानी छोड़ने के समय को नियंत्रित कर सकता है। यानी इन बांधों के जरिए पाकिस्तान पहुंचने वाले पानी को बिना किसी पूर्व चेतावनी के कम किया जा सकता है और प्रवाह को भी बढ़ाया जा सकता है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद दशकों पुराने इस समझौते को निलंबित कर दिया था।
रामबन में बगलिहार बांध के गेट बंद होने के बाद चिनाब नदी का प्रवाह काफी कम हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चिनाब के पानी में कमी से पाकिस्तान की कृषि और पर्यावरण दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है। अब सरकार की प्लानिंग किशनगंगा डैम के जरिए झेलम की पानी रोकने पर है।
किशनगंगा-रतले जल परियोजना पर सुनवाई रोको
इस वाटर अटैक के बाद भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया है और सिंधु जल संधि की नदी पर बन रहे किशनगंगा-रतले जल विद्युत परियोजना से जुड़े विवाद पर वर्ल्ड बैंक में चल रही सुनवाई स्थगित करने को कहा है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत जल्द ही इसको लेकर एक अनुरोध पत्र तटस्थ विशेषज्ञ को भेजेगा. इसकी एक प्रति वर्ल्ड बैंक को भी दी जाएगी. भारत संधि से अलग हो गया है इसलिए अब इसकी जरूरत ही नहीं रह गई है.
यह विवाद किशनगंगा-रतले जल विद्युत परियोजना को लेकर है. भारत ने जैसे ही इस परियोजना पर काम शुरू किया पाकिस्तान ने विश्व बैंक में इसकी शिकायत कर डाली. 2023 में विशेषज्ञ मिशेल लिनो की देखरेख में विवाद निपटाने की प्रक्रिया शुरू हुई. इस पर काम चल रहा था. अब भारत पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद इस प्रक्रिया को रोकना चाहता है.