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भारत से पंगा लेना तुर्किए को पडे़गा भारी, एर्दोआन के कट्टर दुश्‍मन से हाथ मिलाएंगे पीएम मोदी…अंकारा और इस्लामाबाद में मचा हड़कंप

PM Modi To Visit Cyprus : ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पाक को मदद करने वालों में सबसे आगे तुर्किए था। उसने न सिर्फ खुलकर पाकिस्तान का सपोर्ट किया बल्कि पाक फौज को ड्रोन्स और मिसाइलों की भी सप्लाई की। इसके बाद से ही भारत तुर्किए पर हमलावर हो रखा है। देश में चल रहे कामों […]

PM Modi To Visit Cyprus : एर्दोगन के कट्टर दुश्‍मन से हाथ मिलाएंगे पीएम मोदी...अंकारा और इस्लामाबाद में मचा हड़कंप
inkhbar News
  • Last Updated: June 10, 2025 17:06:35 IST

PM Modi To Visit Cyprus : ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पाक को मदद करने वालों में सबसे आगे तुर्किए था। उसने न सिर्फ खुलकर पाकिस्तान का सपोर्ट किया बल्कि पाक फौज को ड्रोन्स और मिसाइलों की भी सप्लाई की।

इसके बाद से ही भारत तुर्किए पर हमलावर हो रखा है। देश में चल रहे कामों में तुर्किए की कंपनियों से समझौता तोड़ा जा रहा है। अब इसी कड़ी में पीएम मोदी एर्दोआन को बड़ा दर्द देने वाले हैं। असल में पीएम मोदी तुर्किए के सबसे बड़े कट्टर दुश्मन साइप्रस की यात्रा करने वाले हैं।

पीएम मोदी कनाडा में होने वाले G-7 सम्मेलन में 15 से 17 जून तक शामिल होंगे। लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि कनाडा जाने से पहले वो साइप्रस जाएंगे और वापसी में क्रोएशिया जाएगें।

साइप्रस और तुर्किए के बीच दुश्मनी

साइप्रस के साथ तुर्की की दुश्मनी 1974 से चली आ रही है। ऐसे में जब पीएम मोदी साइप्रस में होंगे तो तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन की टेंशन बढ़ना स्वाभाविक है। हालांकि, पीएम मोदी की साइप्रस यात्रा के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि वह कनाडा से पहले वहां क्यों जा रहे हैं।

तुर्की और साइप्रस के बीच विवाद दशकों पुराना है। साइप्रस एक भूमध्यसागरीय द्वीप है, जो तुर्की के दक्षिण, सीरिया के पश्चिम और इसराइल के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। साइप्रस में तुर्की और ग्रीक समुदाय रहते हैं, जिसके बीच नस्लीय विवाद है। तुर्की और साइप्रस के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब 1974 में ग्रीक लड़ाकों द्वारा तख्तापलट के बाद तुर्की ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर आक्रमण किया।

दो हिस्सों में बटा साइप्रस

इस घटना के बाद साइप्रस दो हिस्सों में बंट गया, जिनमें से एक पर ग्रीक साइप्रस सरकार और दूसरे पर तुर्की साइप्रस का कब्ज़ा है। हालांकि, ग्रीक साइप्रस सरकार द्वारा शासित साइप्रस गणराज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। दूसरी ओर, तुर्की साइप्रस ने अपने क्षेत्र को स्वघोषित राष्ट्र का दर्जा दे रखा है, जिसे केवल तुर्की ही स्वीकार करता है। तुर्की ने साइप्रस के मशहूर शहर वरोशा पर भी कब्ज़ा कर लिया था, जहां उसके 35 हज़ार सैनिक तैनात हैं और अब यह शहर वीरान हो गया है, जबकि पहले यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती थी।

साइप्रस क्यों जा रहे पीएम मोदी?

साइप्रस की यात्रा करने वाले पीएम मोदी भारत के तीसरे प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में यहां का दौरा किया था और उनसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1983 में साइप्रस का दौरा किया था। साइप्रस और क्रोएशिया यूरोपीय संघ के सदस्य हैं और अगले साल साइप्रस को छह महीने के लिए ईयू की अध्यक्षता मिल सकती है।

पिछले महीने पीएम मोदी को क्रोएशिया, नीदरलैंड और नॉर्वे का दौरा करना था, लेकिन पाकिस्तान के साथ तनाव के कारण यह दौरा स्थगित कर दिया गया था। इस साल कनाडा जी-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और यह सम्मेलन 15 से 17 जून तक अल्बर्टा शहर के कनानास्किस में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे।

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