India-Pakistan Relations : पाक के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से भारत से बात करने की गुहार लगाई है। कुछ मीडिया रिपोरट्स के मुताबिक शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब्दुलअजीज अल सउद से कहा है कि वो भारत के साथ आतंकवाद, पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK) और व्यापार का मुद्दा सुलझाना चाहते हैं और बात करने को तैयार हैं।

पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज शरीफ की मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात हुई और इस दौरान उन्होंने सऊदी अरब से कहा कि पाकिस्तान पीओके, सिंधु जल संधि, व्यापार और आतंकवाद पर भारत के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।

भारत पर दबाव बनाने की थी साजिश, विफल रहा पाक

जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान ने ओआईसी में 57 मुस्लिम देशों के सामने सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाया था और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अलग-अलग देशों में भेजे गए बिलावल भुट्टो जरदारी के प्रतिनिधिमंडल ने भी पानी का मुद्दा उठाया था ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके। हालांकि, पाकिस्तान की सारी कोशिशें नाकाम रहीं और किसी देश ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली।

ऑपरेशन सिंदूर से दहल गया था पाक

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की।

भारत की कार्रवाई में नूर खान जैसे पाकिस्तान के बड़े एयरबेस को काफी नुकसान पहुंचा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।

पहलगाम हमले के बाद भारत का PAK पर एक्शन

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी, अटारी वाघा सीमा को बंद करना, पाकिस्तानियों के लिए सार्क वीजा छूट को रोकना, पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या कम करना और सबसे अहम फैसला सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल था।

भारत का रुख साफ है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और पीओके के मुद्दे को हल नहीं करता, तब तक उसके साथ किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी।

सिंधु नदी को लेकर भारत-पाक के बीच समझौता

जानकारी के लिए बता दें कि 65 साल पहले 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था, जो दोनों देशों के लिए मान्य है। संधि के तहत पश्चिमी नदियों- सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी पर पाकिस्तान का अधिकार है और पूर्वी नदियों- रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का अधिकार है। इस तरह भारत को 20 फीसदी और पाकिस्तान को 80 फीसदी पानी मिलता है। इस लिहाज से पानी के लिए पाकिस्तान पर निर्भरता ज्यादा है।

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