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ब्रिटेन चुनाव में ऋषि सुनक की करारी हार, 10 पॉइंट्स में समझिए क्यों गई सत्ता

Britain Elections: ब्रिटेन के आम चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुना दिया.आम चुनाव में लेबर पार्टी को बहुमत मिला.इस चुनाव में ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को कड़ी हार का सामना करना पड़ा.अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर होंगे.बता दें कि कंजर्वेटिव पार्टी बीते 14 साल से सत्ता में थी.आइए जानते है आखिर […]

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  • Last Updated: July 5, 2024 13:47:41 IST

Britain Elections: ब्रिटेन के आम चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुना दिया.आम चुनाव में लेबर पार्टी को बहुमत मिला.इस चुनाव में ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को कड़ी हार का सामना करना पड़ा.अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर होंगे.बता दें कि कंजर्वेटिव पार्टी बीते 14 साल से सत्ता में थी.आइए जानते है आखिर किन कारणों से कंजर्वेटिव पार्टी को हार का सामन करना पड़ा है.

कहां कमजोर पड़े ऋषि सुनक

भारतीय मूल के लोगों की नाराजगी

ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों का इस चुनाव में ऋषि सुनक को साथ नहीं मिला है.बताया जा रहा है कि सुनक की हार के पीछे की बड़ी वजह भारतीय मूल के लोगों का गुस्सा है.बता दें कि ब्रिटेन में अभी मौजूदा समय में लगभग भारतीय मूल के 18 लाख के करीब वोटर्स हैं.भारतीय मूल के 65 फीसदी लोग सुनक सरकार से नाराज चल रहे थे.सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारतीय मूल के लोगों को में उम्मीद जगी थी. लेकिन सुनक इन उम्मीदों पर खड़े नहीं उतर पाए.

सुनक आर्थिक मौर्च पर नाकाम रहे

ऋषि सुनक आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह विफल रहे .सुनक ब्रिटेन की आर्थिक हालत को पहले से बेहतर नहीं कर पाए.इसके अलावा सुनक ब्रिटेन में महंगाई को कंट्रोल करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. टैक्स में भी लगातार इजाफा हो रहा था.वहीं रहन-सहन के खर्च में इजाफा हो रही थी.वहीं लेबर पार्टी ब्रिटेन में नए घर बनाने को लेकर हाउसिंग नीति लेकर आई.जिसे लोगों ने हाथों हाथ लिया है.

महंगाई पर कंट्रोल

ऋषि सुनक जब पीएम बने तो उस दौरान लोगों को उम्मीद था.कि सुनक सत्ता में आते सबसे पहले महंगाई को कंट्रोल करेंगे लेकिन मंहगाई पर कंट्रोल करने में सुनक विफल रहें. उलटा चीजें और महंगी होती चली गई और लोगों के खर्चे बढ़ने लगे.जिसके कारण लोगों में सुनक सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ने लगा.

टैक्स में लगातार इजाफा

कंजर्वेटिव पार्टी के सत्ता में आने के बाद टैक्स में लगातार बढ़ोतरी हो रहा था.सुनक सरकार ने कई तरह के टैक्स में इजाफा कर दिया था.इनमें से एक था NRI टैक्स.इस NRI टैक्स को लेकर लोगों मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ गया.

हाउसिंग की समस्या

ब्रिटेन में हाउसिंग की समस्या इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा था.और सुनक की पार्टी इस समस्या से निपटने में पूरी तरह विफल रही.वहीं दूसरी तरफ लेबर पार्टी ने इस मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार के दौरान काफी भुनाया है.लेबर पार्टी ने अपनी हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत लाखों की संख्या में नए मकान बनाने का रोड मैप तैयार किया है.

अपराध को कंट्रोल नहीं कर पाए सुनक

ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार बीते कुछ सालों में अपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल रहे.जैसा कि उन्होंने कहा था. बीते कुछ समय में ऐसे कई घटनाएं हुई हैं जिसने मौजूदा सरकार पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए हैं.

अवैध प्रवासी की समस्या

ब्रिटेन में अवैध प्रवासी की समस्या बढ़ गई . बीते कुछ सालों में बड़ी संख्या में आर्थिक प्रवासियों और शरण मांगने वालों ने नाव से इंग्लिश चैनल पार किया.आलोचक कहने लगे कि सरकार का अपनी ही सीमाओं पर कंट्रोल नहीं है.

ब्रिग्जिट समझौते से ब्रिटेन फायदा नहीं हुआ

बताया जा रहा कि ब्रिटेन को ब्रिग्जिट समझौते से जितना फायदा होना चाहिए था.उन्हें उतना फायदा नहीं हुआ.बता दें कि 2016 में ब्रेग्जिट पर जनमत संग्रह के समय से कारोबार में निवेश भी स्थिर हो गया है. जिससे ग्रोथ काफी कमजोर हो गई .जानकार बताते हैं कि यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान झेलना पड़ा.

रहन-सहन खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी

साल 2021 के अंत से ही ब्रिटेन में आवश्यक चीजों की कीमतों मे लगातार इजाफा हो रहा था इस कारण से वहां पर रहने वाले लोगों की आय के हिसाब से ज्यादा खर्च बढ़ने लगा. जिसके कारण ब्रिटेन में जीवन-यापन करने में समस्या होने लगी. कई चीजों की कीमतें बढ़ने की सबसे बड़ी कोविड -19 महामारी थी.

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