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रूस-यूक्रेन, इजरॉयल-हमास के बीच कूदा यह देश, जंग का किया ऐलान, लाशों की लगेगी ढेर

नई दिल्ली: आपको तो पता ही होगा कि रूस-यूक्रेन, इजरॉयल-हमास का युद्ध चल रहा है. वहीं युध्द खत्‍म भी नहीं हुआ था कि ईरान भी इसमें पहल कर दिया. वहीं ईरान ने मंगलवार को इजरॉयल पर दर्जनों मिसाइलें दागा और युद्ध का ऐलान कर दिया है. हालांकि भले यह लड़ाई हजारों किलोमीटर दूर लड़ी जा […]

This country jumped between Russia-Ukraine, Israel-Hamas, declared war, there will be heaps of dead bodies
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  • Last Updated: October 2, 2024 13:25:50 IST

नई दिल्ली: आपको तो पता ही होगा कि रूस-यूक्रेन, इजरॉयल-हमास का युद्ध चल रहा है. वहीं युध्द खत्‍म भी नहीं हुआ था कि ईरान भी इसमें पहल कर दिया. वहीं ईरान ने मंगलवार को इजरॉयल पर दर्जनों मिसाइलें दागा और युद्ध का ऐलान कर दिया है. हालांकि भले यह लड़ाई हजारों किलोमीटर दूर लड़ी जा रही, लेकिन इसका सीधा असर भारत और यहां के लोगों पर भी दिखने वाला है.

 

बीच झड़प हुई थी

 

आपको वो स्थिति तो याद ही होगी जब करीब ढाई साल पहले रूस और यूक्रेन के बीच झड़प हुई थी. कच्चे तेल की कीमतें कैसे आसमान छू रही थीं. इस बार भी ऐसे ही हालात बनने की आशंका है. आपको बता दें कि इजराइल तकनीक के क्षेत्र में आगे है जबकि ईरान तेल का बड़ा उत्पादक है। यहां तक ​​तो ठीक है लेकिन भारत के लिए बुरी बात ये है कि दोनों देशों के साथ उसके बड़े व्यापारिक रिश्ते हैं. जाहिर है कि अगर ये दोनों देश आपस में भिड़ेंगे तो इसका असर भारत और उसकी अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम आदमी पर भी पड़ना तय है. सोने की कीमतों में असमान वृद्धि भी हो सकती है और इसका सीधा असर हमारे आने वाले धनतेरस और दिवाली त्योहारों पर भी दिखाई देगा।

 

अटक सकता है

 

भारत पहले से ही लाल सागर में तनाव से परेशान था और समुद्री रास्ते से होने वाला उसका व्यापार प्रभावित हो रहा था. अब ईरान और इजराइल के बीच युद्ध शुरू होने के बाद ये राह और भी मुश्किल हो सकती है. सबसे बड़ी बात यह है कि भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) का एजेंडा भी अटक सकता है. इस परियोजना से स्वेज नहर पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी। मौजूदा स्थिति के कारण भारत की शिपिंग लागत बढ़ सकती है।

 

बोझ बढ़ना तय है

 

हम ईरान से तेल आयात करते हैं, जिस पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा. जिस दिन ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागीं, उसी दिन वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत 4 फीसदी बढ़ गई. ये तो सिर्फ शुरुआत है, अगर माहौल और बिगड़ा तो ये कीमत 150 से 200 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है. जाहिर है, 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करने वाले भारत के आयात बिल पर बोझ बढ़ना तय है. ऐसा नहीं है कि ईरान-इजरायल युद्ध का असर सिर्फ तेल पर ही दिखेगा. अगर ये लड़ाई लंबी चली तो सोना महंगा हो जाएगा और शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिलेगी. दरअसल, वैश्विक बाजार में अस्थिरता आते ही अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट शुरू हो गई है.

 

कीमत बढ़ती है

 

वहीं इसका असर आपको कल भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिलेगा. अब अगर बाजार में गिरावट आती है तो निवेशक सोने की ओर दौड़ेंगे। अगर वैश्विक बाजार में सोने की कीमत बढ़ती है तो त्योहारों के दौरान आपको महंगा सोना और चांदी खरीदना पड़ सकता है। जाहिर है दोनों देशों के बीच ये जंग हमारे त्योहार को खराब कर सकती है. भारत ने वित्त वर्ष 2023 में इजराइल को 70.5 हजार करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया और 19.3 हजार करोड़ रुपये का आयात किया.

 

हीरों की है

 

निर्यातित माल में सबसे बड़ी हिस्सेदारी डीजल और तराशे हुए हीरों की है। वहीं, ज्यादातर आयातित वस्तुओं में कच्चे हीरे और पॉलिश किए हुए हीरे शामिल हैं। इसी तरह ईरान के साथ कुल निर्यात 14.2 हजार करोड़ रुपये का है जबकि आयात 5,644 करोड़ रुपये का है. भारत ने ईरान को सबसे अधिक चावल और रसायन निर्यात किया है, जबकि मेथनॉल और पेट्रोलियम कोक का आयात किया है।

 

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