India China Relations: सोमवार 9 जून को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और चीन के रिश्तों पर ऐसा बयान दिया है कि पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिक गई हैं। उन्हें लगता है कि दोनों देशों के बीच तनाव काफी कम हो गया है, इसलिए आरआईसी यानी रूस-भारत-चीन के बीच त्रिकोणीय सहयोग बनाने का अच्छा मौका है। सर्गेई लावरोव ने कहा कि आरआईसी त्रिकोणीय सहयोग का रुका हुआ काम फिर से शुरू हो सकता है।

चीन पाकिस्तान को हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता

एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि वह क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा। इसके अलावा चीन पाकिस्तान को हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जिसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान भारत के खिलाफ किया गया था। हालांकि, भारत की ताकत के सामने ये हथियार कुछ नहीं कर पाए। अब रूसी विदेश मंत्री को लगता है कि भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा है।

मॉस्को में ‘फ्यूचर-2050 फोरम’ को संबोधित करते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा कि आरआईसी प्रारूप में संयुक्त कार्य की बहाली यूरेशियन प्रक्रियाओं की दिशा में पहला कदम हो सकता है, जिसमें बहुध्रुवीय वास्तुकला का निर्माण भी शामिल है।

रूस-भारत-चीन त्रिकोण

रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, लावरोव ने कहा, ‘मुझे वास्तव में उम्मीद है कि हम रूस-भारत-चीन त्रिकोण के काम को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे। पिछले कुछ वर्षों से हमारे बीच विदेश मंत्रियों के स्तर पर कोई बैठक नहीं हुई है, लेकिन हम अपने चीनी सहयोगी और विदेश मंत्रालय के भारतीय प्रमुख के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ‘मुझे वाकई उम्मीद है कि अब जबकि भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव काफी हद तक कम हो गया है और स्थिति स्थिर हो रही है, तो अगर नई दिल्ली और बीजिंग के बीच बातचीत होती है, तो हम इस रूस-भारत-चीन त्रिकोण के काम को फिर से शुरू कर पाएंगे।’

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पिछले हफ़्ते, एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में लावरोव से मुलाकात की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ का एक पत्र सौंपा। रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से समाचार एजेंसी ने बताया कि लावरोव ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बनाने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच सीधी बातचीत की ज़रूरत है।

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