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Salman Rushdie: सलमान रूश्दी पर हुए हमले पर क्या बोला भारत?

Salman Rushdie Attacked: नई दिल्ली। मशहूर लेखक सलमान रूश्दी पर हुए हमले पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरूवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत हमेशा से ही इस तरह की हिंसा और कट्टरपंथ के खिलाफ रहा है। भारत इस हमले की निंदा करता है। […]

Salman Rushdie
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  • Last Updated: August 26, 2022 11:15:13 IST

Salman Rushdie Attacked:

नई दिल्ली। मशहूर लेखक सलमान रूश्दी पर हुए हमले पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरूवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत हमेशा से ही इस तरह की हिंसा और कट्टरपंथ के खिलाफ रहा है। भारत इस हमले की निंदा करता है।

विदेश मंत्रालय ने ये कहा

भारती विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सलमान रूश्दी पर हुए हमले की निंदा करते हुए उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है। बता दें कि 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क के चौटाउक्का संस्थान में एक व्याख्यान के दौरान रूश्दी पर हमला हुआ था। एक व्यक्ति ने लेखक के गले पर चाकू से वार किया था।

इस किताब से मिली प्रसिद्धि

बता दें कि, सलमान रुश्दी ने 15 अगस्त 1947 को आजादी की आधी रात अविभाजित हिंदुस्तान में जो बच्चे पैदा हुए, उन पर एक नॉवेल लिखा था। जिसका नाम है- मिडनाइट चिल्ड्रेन। ये किताब इतनी प्रसिद्ध हुई कि उन्हें इसके लिए बुकर सम्मान मिला। ये रुश्दी का दूसरा नॉवेल था।

सेटेनिक वर्सेस पर हुआ बवाल

रुश्दी ने साल 1988 में एक और किताब लिखी। जिसका नाम उन्होंने रखा सेटेनिक वर्सेस। उनकी इस किताब को लेकर पूरी दुनिया में खूब हंगामा हुआ। वो मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए। किताब को लेकर बवाल और विवाद इतना बढ़ा कि लोग खून-खराबे पर उतर आए।

भारत में बैन की गई किताब

सेटेनिक वर्सेस पर बढ़ते बवाल को देखते हुए भारत में इस किताब को बैन कर दिया गया। इसके बाद साल 1989 में ईरान ने सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। इसी किताब को लेकर कुछ ही दिन बाद मुंबई में एक दंगा हुआ। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। ब्रिटेन की सड़कों पर भी कट्टरपंथियों ने रुश्दी के पुतले फूंके और किताब जलाई।

दशकों तक सेफ हाउस में रहे

फतवा जारी होने और लगातार मिल रही जान से मारने की धमकी के बाद सलमान रुश्दी लगभग एक दशक तक सेफ हाउस में रहे। हालांकि इस दौरान भी उन्होंने लिखना जारी रखा। एक दशक बाद धीरे-धीरे उनका जीवन सामान्य हुआ और वो सार्वजनिक जीवन में वापस आए।

सेटेनिक वर्सेस में ऐसा क्या था?

गौरतलब है कि, सलमान रुश्दी की चर्चा साहित्य की दुनिया में बुकर पुरस्कार जीतने वाली मिडनाइट चिल्ड्रेन के लिए कम होती है और सेटेनिक वर्सेस के लिए ज्यादा होती है। इसकी वजह बताई जाती है कि इस नॉवेल का विषय इस्लाम धर्म के खिलाफ है। रुश्दी ने अपनी इस किताब में पैगंबर मुहम्मद को झूठा और पाखंडी कहा है। उन्होंने पैगंबर की 12 बीवियों के लिए भी किताब में आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया हैं।

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