Inkhabar
  • होम
  • दुनिया
  • श्रीलंका संकट : 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज़ में लदा देश, भुगतान में नाकाम

श्रीलंका संकट : 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज़ में लदा देश, भुगतान में नाकाम

श्रीलंका संकट  नई दिल्ली, श्रीलंका इस समय अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट को झेल रहा है. जहां अब एक रिपोर्ट की मानें तो श्रीलंका अपने ऊपर 51 अरब डॉलर के क़र्ज़ के भुगतान में भी असफल हो चुका है. डिफॉल्ट कर गया श्रीलंका मंगलवार को श्रीलंका अपने 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज़े के भुगतान […]

श्रीलंका संकट : 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज़ में लदा देश, भुगतान में नाकाम
inkhbar News
  • Last Updated: April 12, 2022 16:16:57 IST

श्रीलंका संकट 

नई दिल्ली, श्रीलंका इस समय अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट को झेल रहा है. जहां अब एक रिपोर्ट की मानें तो श्रीलंका अपने ऊपर 51 अरब डॉलर के क़र्ज़ के भुगतान में भी असफल हो चुका है.

डिफॉल्ट कर गया श्रीलंका

मंगलवार को श्रीलंका अपने 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज़े के भुगतान को लेकर अब डिफॉल्ट की स्थिति में आ चुका है. एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट्स बताती हैं, ‘ज़रूरी चीज़ों के आयात के लिए विदेशी मुद्रा ख़त्म हो जाने के बाद श्रीलंका के पास केवल यही ‘आख़िरी उपाय’ रह गया था जिसे लेकर अब श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक हालात से गुज़र रहा है.

स्वतंत्र हैं विदेशी सरकारें- वित्त मंत्रालय

इस स्थिति में श्रीलंका के वित्त मंत्रालय से भी जवाब आया है. वित्त मंत्रालय का इस स्थिति को लेकर कहना है कि हमारे सभी कर्जदाता जिसमें विदेशी सरकारें भी शामिल हैं वह सभी मंगलवार से ब्याज की रकम को मूलधन में जोड़ने अथवा श्रीलंका की मुद्रा में भुगतान को लेकर स्वतंत्र हैं. आगे वित्त मंत्रालय ने कहा, सरकार ये कदम आपातकालीन स्थिति में उपाय के तौर पर उठा रही है ताकी इस स्थिति को नियंत्रित कर इसे बढ़ने से रोका जा सके.

भुगतान में किया गया है डिफ़ॉल्ट

वित्त मंत्रालय ने अपने इस बयान में आगे कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के राहत पैकेज को अमल करने से पहले सभी कर्ज़दाताओं के भुगतान में डिफ़ॉल्ट किया गया है इसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं अपनाया गया है. बता दें, श्रीलंका में इस समय सभी मिनिमम ज़रूरियात की चीज़ों को लेकर त्राहि-त्राहि का माहौल है. जहां खाने-पीने की चीज़ों से लेकर ईंधन तक सबपर मुद्रा स्फीति इतनी बढ़ गयी है कि उन्हें खरीद पाना अब आम जनता के लिए मुमकिन नहीं है.

आर्थिक संकट से बढ़ी मुसीबतें

आपको बता दें, इस समय श्रीलंका में करीब 2 करोड़ 20 लाख लोगों को आर्थिक रूप से तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. श्रीलंका की जनता सरकार की आर्थिक नीतियों और नाकामयाबी को लेकर सड़कों और राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन करते नज़र आ रहे हैं. बता दें पिछले साल अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने श्रीलंका को इतनी कम रेटिंग दी कि श्रीलंका का विदेशी पूंजी बाज़ार से उधार लेना नामुमकिन सा हो गया. आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका ने भारत और चीन से मदद की गुहार भी लगाई थी. लेकिन दोनों ही देशों द्वारा आर्थिक मदद न देने के अलावा ज़रूरी चीज़ों और खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की पेशकश की गयी थी.

यह भी पढ़ें:

पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को बताया गैर संवैधानिक

Story Of Sher Singh Raana : शेर सिंह राणा की बायोपिक करेंगे विद्युत जामवाल