नई दिल्ली। गाज़ा के रफ़ा इलाके में मंगलवार को खाने की तलाश में जुटे लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई, जिसमें 3 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा 46 लोग घायल हुए और 7 अभी तक लापता हैं। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह भगदड़ उस वक्त शुरू हुई जब इजरायली सैनिकों ने हवा में गोलियां चलाईं। इजरायली सेना का कहना है कि उनके जवानों ने वितरण केंद्र के बाहर के इलाके में फायरिंग की थी।
रफ़ा में अमेरिका की सहायता से स्थापित एक सहायता केंद्र पर हजारों फिलिस्तीनी भोजन पाने के लिए उमड़ पड़े। इस संबंध में गाज़ा के सरकारी मीडिया कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘रफ़ा में आज जो कुछ हुआ, वह एक सुनियोजित जनसंहार और एक गंभीर युद्ध अपराध है।’
गाजा में आने वाले एक सप्ताह के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है। इस दौरान गाजा में भोजन बांटने के लिए नए वितरण केंद्र बनाए जाएंगे। ये केंद्र इजरायली सेना की निगरानी में रहेंगे और इन्हें अमेरिकी कंपनियां संचालित करेंगी।
नई व्यवस्था के अनुसार गाजा के निवासियों को गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के माध्यम से सहायता दी जाएगी। हालांकि, कई राहत संगठनों ने इस योजना की आलोचना की है। उनका मानना है कि इससे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है।
-GHF का पंजीकरण स्विट्जरलैंड में है और इसे पूर्व अमेरिकी मरीन जैक वुड्स संचालित करते हैं।
-संयुक्त राष्ट्र (UN) ने स्पष्ट किया है कि वह GHF के साथ सहयोग नहीं करेगा क्योंकि यह संस्था निष्पक्ष नहीं मानी जाती।
-GHF गाजा में केवल 4 वितरण केंद्र खोलने की योजना बना रहा है, जबकि UN पहले से ही पूरे क्षेत्र में 400 वितरण केंद्र चला रहा है।
-यदि भोजन वितरण का कार्य केवल GHF के माध्यम से होता है तो बहुत सीमित संख्या में ही लोगों तक सहायता पहुंच पाएगी।
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