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काबुलः तालिबानी आतंकियों ने फिदायीन हमले के लिए 4 माह के नवजात पर बांधा बम

अफगानिस्तान के काबुल में तालिबानी आतंकी अपनी दहशत कायम रखने के लिए अब मासूम बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को गिरफ्तार करते हुए एक 4 माह के नवजात के शरीर पर विस्फोटक बरामद किया है, जिसे फिदायीन हमले के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता के चलते मासूम के साथ-साथ सैकड़ों लोगों की जान बचा ली गई.

Taliban Terrorist
inkhbar News
  • Last Updated: January 27, 2018 15:36:42 IST

काबुलः तालिबान में आतंकी संगठनों ने दहशत फैलाने के लिए अब मासूम बच्चों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. काबुल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में अफगानिस्तान के कुंडूज प्रांत में तैनात सुरक्षाबलों को एक 4 माह का नवजात मिला. नवजात के शरीर पर लिपटे कपड़ों को खोलने पर सुरक्षाकर्मी दंग रह गए. दरअसल मासूम के शरीर पर विस्फोटक बांधा गया था. इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को गिरफ्तार भी किया. आतंकियों ने बम विस्फोट के लिए 4 माह के मासूम का इस्तेमाल किया था लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता के चलते मासूम के साथ-साथ सैकड़ों लोगों की जान बचा ली गई.

मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों का मकसद राजधानी काबुल से करीब 330 किलोमीटर दूर कुंडूज प्रांत में मासूम के शरीर पर बंधे बम विस्फोटक को उड़ाना था. बच्चे के शरीर पर बम इसलिए बांधा गया था ताकि पुलिस अथवा अन्य जांच एजेंसियों द्वारा तलाशी के दौरान बच्चे पर किसी को शक न हो जिससे वह बच्चे के शरीर पर बम बरामद नहीं कर पाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सुरक्षाबलों को आतंकियों पर शक हो गया और तलाशी के दौरान बम बरामद करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही पुलिस ने एक बड़े हादसे को होने से रोक लिया.

बताते चलें कि ऐसा पहली बार है कि आतंकियों ने अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए महज 4 माह के नवजात का इस्तेमाल किया हो. इससे पहले आतंकी 10 साल तक के मासूम बच्चों पर विस्फोटक बांधकर उनके जरिए फिदायीन हमले कर चुके हैं. हाल में आतंकी संगठन से जुड़े एक आतंकी ने अपनी 8 साल की बहन को फिदायीन हमले के लिए इस्तेमाल किया था लेकिन सुरक्षाबलों ने मासूम बच्ची को समय रहते बचा लिया. हाल में फ्रेंच काउंसलेट के बाहर हुए धमाके में भी नाबालिग बच्चे का इस्तेमाल किया था. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठन मासूमों का इस्तेमाल केवल फिदायीन हमले के लिए ही नहीं बल्कि हथियारों की तस्करी के लिए भी करते हैं. अंतरराष्ट्रीय और अफगानिस्तान के मानवाधिकार संगठन कई बच्चों को तालिबानी लड़ाकों के चंगुल से छुड़ा चुके हैं. इस दिशा में उनकी यह कोशिश आज भी जारी है.

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