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शेख हसीना के बाद तस्लीमा नसरीन पर भारत ने लिया ऐसा फैसला बांग्लादेश के उड़े होश!

नई दिल्ली. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर भारत और बांग्लादेश में अभी खींचतान चल ही रही थी कि मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन को लेकर भारत ने एक और फैसला सुना दिया है. इसको लेकर कट्टरपंथी तिलमिला गये है. शेख हसीना की पेशी के लिए वहां की अदालत अरेस्ट वारंट जारी किया है […]

Taslima Nasrin & Amit Shah
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  • Last Updated: October 24, 2024 19:19:47 IST


नई दिल्ली.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर भारत और बांग्लादेश में अभी खींचतान चल ही रही थी कि मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन को लेकर भारत ने एक और फैसला सुना दिया है. इसको लेकर कट्टरपंथी तिलमिला गये है. शेख हसीना की पेशी के लिए वहां की अदालत अरेस्ट वारंट जारी किया है और 18 नंवबर को पेश होने का निर्देश दिया है लेकिन भारत ने टका सा जवाब दे दिया था कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर यहां आईं थी और रहना जारी रखेंगी.

तस्लीमा का निवास परमिट रिन्यू

भारत और बांग्लादेश में शेख हसीना को लेकर तनातनी चल रही है. बांग्लादेश चाहता है कि भारत शेख हसीना को उसे सौंप दे. भारत इसके लिए तैयार नहीं है. बांग्लादेश 2013 के जिस प्रत्यर्पण संधि का हवाला दे रहा है उसी में राजनीतिक आरोपों पर प्रत्यर्पण में छूट की भी व्यवस्था है. जैसे ही वहां की अदालत का फरमान आया भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दो टूक कह दिया कि वह यहां रहना जारी रखेंगी और भारत उन्हें सुरक्षा प्रदान करता रहेगा.

अब खबर आ रही है कि मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन को लेकर भारत ने बड़ा फैसला किया है और उनके निवास परमिट को रिन्यू कर दिया है. तीन दिन पहले तस्लीमा ने एक्स पर पोस्ट डालकर इसके लिए गुहार लगाई थी.

कट्टरपंथी तिलमिलाये

यह गजब संयोग है कि तस्लीमा नसरीन भी 1993 में शेख हसीना की तरह ही जान बचाकर भागी थीं और भारत में शरण ली थी. उसके बाद कट्टरपंथियों ने हिंसा का नंगा नाच किया था, हिंदुओं की हत्याएं की थी, रेप हुए और घर जलाए गये. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भी ऐसा ही हुआ था.

1992 में अपनी किताब लज्जा में बाबरी विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुए अत्याचार, मजहबी कट्टरता और उसके सामाजिक प्रभाव को बयां किया था जिसकी वजह से कट्टरपंथी आग बबूला हो गये थे. इस किताब के आने के बाद कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया, वे उनके पीछे पड़ गये और उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा, तब से वह भारत में ही रह रही हैं.

तस्लीमा ने मांगी थी मदद

तस्लीमा नसरीन ने एक्स पर पोस्ट डाला था डियर अमित शाह जी, नमस्कार. मैं भारत में इसलिए रहती हूं कि मुझे इस महान देश से प्यार है, 20 वर्षों से यह मेरा दूसरा घर है. गृह मंत्रालय मेरे रेजिडेंस परमिट को जुलाई 2022 से आगे नहीं बढ़ा रहा है. मैं बहुत चिंतित हू, अगर आप मुझे यहां रहने देंगे तो मैं बहुत आभारी होऊंगी.

तस्लीमा ने कहा शुक्रिया अमित शाह

उनके पोस्ट डालने के अगले ही दिन गृह मंत्रालय ने रेजिडेंस परमिट को एक्सटेंड कर दिया. इसके बाद तस्लीमा ने एक और पोस्ट डालकर अमित शाह का शुक्रिया अदा किया. ये बात अलग है कि इससे कट्टरपंथी इस फैसले से तिलमिला गये हैं.

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