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मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, इजरायल-हिजबुल्लाह के टकराव से दुनिया पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) में तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। लेबनान में इजरायली हमले के बाद हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच हिंसक टकराव शुरू हो गया है।

Middle East इजरायल और हिजबुल्लाह टकराव
inkhbar News
  • Last Updated: August 25, 2024 16:42:22 IST

नई दिल्ली: मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) में तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। लेबनान में इजरायली हमले के बाद हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच हिंसक टकराव शुरू हो गया है। आइए, 5 प्वाइंट्स में समझें कि आखिर क्यों यह संघर्ष गहराता जा रहा है और इसका दुनिया पर क्या असर हो सकता है।

1. इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच ताजा टकराव की वजह

इजरायल ने हाल ही में लेबनान पर लगातार हवाई हमले किए हैं। इन हमलों की वजह हिजबुल्लाह के कमांडर की हत्या बताई जा रही है, जिसके बाद हिजबुल्लाह ने बदले की कार्रवाई करते हुए 320 रॉकेट इजरायल की तरफ दागे हैं। इजरायली सेना का कहना है कि हिजबुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान से रॉकेट दागने की तैयारी की थी, जिसके जवाब में ये हमले किए गए। हिजबुल्लाह ने इजरायल के 11 सैन्य ठिकानों पर हमले का दावा किया है।

2. गोलान हाइट्स से लेकर बेरूत तक फैला तनाव

पिछले महीने इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर लेबनान की तरफ से मिसाइल हमले में 12 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में इजरायल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर शुकर की हत्या कर दी। इसी के बाद से हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगातार हमले शुरू कर दिए हैं।

3. ईरान की भूमिका और हमास की एंट्री

तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हनिया की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई। ईरान ने इजरायल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देने की चेतावनी दी है। हिजबुल्लाह ने 7 अक्टूबर को हमास के साथ मिलकर इजरायली ठिकानों पर रॉकेट हमले किए। यह टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है और इसमें ईरान की भागीदारी भी साफ दिखाई दे रही है।

4. क्या हो सकता है दुनिया पर असर

इस संघर्ष का सीधा असर ग्लोबल मार्केट और आर्थिक सुरक्षा पर पड़ सकता है। मिडिल ईस्ट का यह तनाव ऊर्जा के संकट को और बढ़ा सकता है, जिसका असर तेल की कीमतों पर देखने को मिलेगा। भारत जैसे देशों के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि भारत भारी मात्रा में मिडिल ईस्ट से तेल आयात करता है। साथ ही, अमेरिका भी इजरायल के समर्थन में खड़ा है, जिससे वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ सकता है।

5. आगे क्या हो सकता है

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष और बढ़ता है, तो मिडिल ईस्ट में स्थिरता पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय ताकतें और अधिक हिंसक हो सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया प्रभावित होगी। ऐसे में ऊर्जा, आर्थिक सुरक्षा, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है।

 

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