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अमेरिका की वजह से शेयर मार्केट के निकले आंसू, सेंसेक्स-निफ्टी दोनों का हाल हुआ बेहाल…Trump ने निवेशकों को 2 लाख करोड़ रुपये का दिया फटका

Share Market News : मीडिल ईस्ट में चल रही भीषण जंग का असर अब घरेलू शेयर मार्केट दिखाई दे रहा है। सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में खुले। अमेरिका के जंग में शामिल होने के बाद निवेशकों में डर का माहौल है। एशियाई बाजारों में गिरावट और मध्य पूर्व में तनाव […]

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  • Last Updated: June 23, 2025 11:23:54 IST

Share Market News : मीडिल ईस्ट में चल रही भीषण जंग का असर अब घरेलू शेयर मार्केट दिखाई दे रहा है। सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में खुले। अमेरिका के जंग में शामिल होने के बाद निवेशकों में डर का माहौल है। एशियाई बाजारों में गिरावट और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने से शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिल रही है।

सुबह 9:40 बजे बीएसई सेंसेक्स 808 अंक यानी 0.98% गिरकर 81,599 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 217 अंक यानी 0.87% फिसलकर 24,895 पर आ गया। इस गिरावट के चलते शुरुआती कारोबार में बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप करीब 2 लाख करोड़ रुपये घटकर 44.75 लाख करोड़ रुपये रह गया।

वहीं अगर सेक्टरों की बात करें तो निफटी आई में 1% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। इस वजह से Accenture ने लगातार तीसरे साल आउटसोर्सिंग ऑर्डर्स में गिरावट दर्ज की है। इसके चलते ग्लोबल टेक स्पेंडिंग को लेकर चिंता बढ़ गई है। निफ्टी बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, ऑटो, एफएमसीजी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स भी 0.5% से 1% तक नीचे खुले।

कच्चे तेल की कीमत सबसे ऊंचे स्तर पर

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। जनवरी के बाद कच्चे तेल की कीमतें सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं। ब्रेंट क्रूड 1.33 डॉलर (1.76%) बढ़कर 76.79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं, WTI 1.39 डॉलर (1.88%) बढ़कर 75.26 डॉलर पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान ब्रेंट 81.40 डॉलर और WTI 78.40 डॉलर पर पहुंच गया, जो पांच महीने का उच्चतम स्तर था।

होर्मुज जलडमरूमध्य को लेकर टेंशन

अमेरिकी हमले के बाद ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार ईरान की संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का एक प्रस्ताव पारित किया है। हालांकि ईरान पहले भी इस तरह की धमकियां दे चुका है। बता दें कि ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। ऐसे में डर है कि होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण समुद्री रास्ता है, जिससे दुनिया का लगभग 20% कच्चा तेल गुजरता है।

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