नई दिल्ली। दुनिया के कई विकसित देश और मानवाधिकार संगठन महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में जुटे हुए हैं। हालांकि कई ऐसे भी देश हैं, जहां लड़कियों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। ऐसा ही एक देश है इराक जहां लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल होने जा रही। इस कानून को लेकर देश में तो बवाल मचा ही है, साथ में दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन आवाज उठा रहे हैं। वर्ल्ड फॉर गर्ल्स की सीईओ क्ले डन ने इराक सरकार से अपील की है कि इस कानून को रोक जाए।
वर्ल्ड फॉर गर्ल्स की सीईओ क्ले डन ने कहा कि इराकी कानून, जो लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल करने जा रहा है, उससे लड़कियों के अधिकार पर हमला हो रहा। यह सिर्फ लाखों लड़कियों के लिए ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बनेगा। यह अधिकार लड़कियों को शिक्षा समेत अन्य अवसरों से वंचित करता है। इससे गरीबी को भी बढ़ावा मिलेगा। 9 साल में बच्चियों के पीरियड तक नहीं आते ऐसे में उन्हें किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करना हैवानियत है।
इराक ने अपने देश के विवाह कानून में संसोधन करने का फैसला किया है। इसमें लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल हो सकेगी। पुरुष 9 साल की लड़की के साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं, उन्हें इसके लिए सजा नहीं मिलेगी। इराक एक शिया देश है और यहां की सरकार का कहना है कि ऐसा करके वो युवा मुस्लिम लड़कियों को सुरक्षित करना चाहती है।
सरकार का ऐसा मानना है कि यह नियम इस्लामिक शरिया कानून के तहत लाया गया है। शरिया कानून में बच्चियों से निकाह और संबंध बनाना जायज है। वहीं इराक की महिलाएं इस कानून का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि ऐसा करके सरकार बच्चियों के साथ जुल्म कर रही। कम उम्र में शादी की वजह से बच्चियों के साथ जबरदस्ती के संबंध बनाए जायेंगे जो कि एक तरह से बलात्कार है। साथ ही तलाक, बच्चों की कस्टडी और प्रॉपर्टी जैसे खास अधिकार भी बैन कर दिए जाएंगे।
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