नई दिल्ली. अमेरिकन राष्ट्रपति का दोबारा कार्यभार संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप दुनिया भर के देशों से ट्रेड एंड टैरिफ वॉर में उलझ गये हैं. उनके निशाने पर कनाडा, मैक्सिको, चीन और भारत जैसे देश शामिल हैं. तीन देश जहां ट्रंप की ही भाषा में जवाब दे रहे हैं और जैसे को तैसा वाला कदम उठा रहे हैं वहीं भारत ट्रंप से उलझने की बजाय सधी चाल चल रहा है. वह पर्दे के पीछे बात कर रहा है और अमेरिका को बता रहा है कि क्या हो सकता है और क्या नहीं. ट्रंप ने पिछले दिनों यह दावा किया था कि भारत टैरिफ घटाने को तैयार हो गया है लेकिन हकीकत कुछ और है.
अब भारत ने असलियत बताई है. संसदीय समिति के सामने पेश हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया है कि अमेरिका से टैरिफ को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है. अभी बातचीत चल रही है. बर्थवाल ने कहा कि किसी को भी ट्रंप के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. डोनाल्ड ट्रंप के दावे के दो दिन बाद भारत सरकार ने सोमवार को संसदीय समिति के सामने जो जानकारी दी उससे पता चल गया है कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं. सरकार ने कहा कि व्यापार शुल्क को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है. इस मुद्दे के समाधान के लिए सितंबर तक का समय मांगा गया है. पिछले दिनों ट्रंप ने 2 अप्रैल से टैरिफ लागू करने की धमकी दी थी.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सामने जब आये तो सवालों की बौछार होने लगी. क्या भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर कोई समझौता हुआ है. इस पर बर्थवाल ने बताया कि दोनों देशों में टैरिफ को कम करने को लेकर अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है. द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत अल्पकालिक और दीर्घकालिक व्यापार सहयोग पर बातचीत चल रही है.
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा और टीएमसी की सागरिका घोष ने सचिव से पूछा कि ट्रंप दावा कर रहे हैं कि भारत टैरिफ घटाने को राजी हो गया है. इस पर बर्थवाल ने कहा कि किसी को भी ट्रंप के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. दोनों ही देशों के बीच समझौते को लेकर बातचीत चल रही है. वाणिज्य सचिव ने यह भी साफ किया कि भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क को लेकर किसी भी तरह की प्रतिबद्धता नहीं जताई है.
भारत इसलिए नहीं दे रहा कनाडा जैसा जवाब
बातचीत में कुछ संसद सदस्यों ने वाणिज्य सचिव से पूछा कि भारत सीमा शुल्क पर अमेरिका के आक्रामक कदमों को लेकर कनाडा और मेक्सिको की तरह कदम क्यों नहीं उठा रहा. इस पर बर्थवाल ने कहा कि उन देशों की और भारत की परिस्तियों की तुलना नहीं की जा सकती. अमेरिका की उनके साथ सुरक्षा संबंधी चिंताएं और सीमा आव्रजन जैसे संवेदनशील मुद्दे हैं. सचिव ने यह भी बताया कि भारत ऐसे उद्योगों की रक्षा करेगा जो उसकी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अहम हैं.
भारत द्विपक्षीय रूप से सीमा शुल्क कम कर सकता है लेकिन बहुपक्षीय रूप से ऐसा नहीं करेगा. भारत मुक्त व्यापार के पक्ष में है और व्यापार का उदारीकरण चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. यही दोनों देशों के हित में है. उन्होंने कहा कि टैरिफ वॉर छिड़ने से अमेरिका या दुनिया के किसी देश को कोई फायदा नहीं होगा, इससे मंदी के हालात पैदा हो सकते हैं.
ये भी पढ़ें-
भारत का पोल खोल दिया हूं, इन्होंने हमें लूट लिया…ट्रंप बोले मोदी टैरिफ कम करने को तैयार