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ट्रंप ने जेलेंस्की को दिया बड़ा धोखा, बीच जंग में रूस के साथ खड़ा हो गया अमेरिका, भारत ने भी चौंकाया

UN में सोमवार को रूस-यूक्रेन जंग पर प्रस्ताव पास हुआ। इसमें यूक्रेन से रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की बात कही गई है। UNGA में एक प्रस्ताव यूरोपीय देशों की तरफ से तो एक अमेरिका की ओर से पेश किया गया था।

Trump-Modi
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  • Last Updated: February 25, 2025 07:58:25 IST

नई दिल्ली। UN में सोमवार को रूस-यूक्रेन जंग पर प्रस्ताव पास हुआ। इसमें यूक्रेन से रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की बात कही गई है। UNGA में एक प्रस्ताव यूरोपीय देशों की तरफ से तो एक अमेरिका की ओर से पेश किया गया था। अमेरिका ने जो प्रस्ताव रखा वह तुरंत युद्ध रोकने के लिए किया गया ठगा। इससे पहले UNGA में आए दो प्रस्तावों से भारत ने किनारा कर लिया जबकि अमेरिका ने रूस का साइड लेकर सबको चौंका दिया।

शांति के रास्ते पर जायेंगे

अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने UNSC में कहा कि इस प्रस्ताव से हम शान्ति के रास्ते पर जाएंगे। यह पहला लेकिन बेहद अहम कदम है। इस परसभी को गर्व होना चाहिए। यूनाइटेड नेशन का असल मकसदअंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखना होना चाहिए। इस प्रस्ताव में विवादों को शांतिपूर्ण समाधान करने और तत्काल जंग समाप्त करने की मांग की गई है।

अमेरिका-इजरायल रूस के साथ

यूएनजीए में अमेरिका और यूरोप के बीच चल रहे तनाव का भी असर दिखा। अमेरिका को अपने प्रस्ताव पर पीछे हटना पड़ा। यूरोपियों देशों ने एक साथ मिलकर प्रस्ताव पेश किया और सबने रूस की चौतरफा आलोचना की गई। अमेरिका, इजरायल और उत्तर कोरिया के साथ-साथ 18 देशों ने रूस का साथ दिया। भारत समेत 65 देशों ने वोटिंग से दूरी बनाई।

पुतिन से हुई ट्रंप की बात

बता दें कि अमेरिका में ट्रंप के आने के बाद से यूक्रेन को झटके पर झटके मिल रहे हैं। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने जेलेंस्की पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी अच्छी बात हुई है। यूक्रेन के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। यूक्रेन के पास वार्ता में कोई बड़ा रोल नहीं है।

कर क्या रहे हैं ट्रंप

ट्रंप इससे पहले जेलेंस्की की आलोचना करते हुए उन्हें बिना चुनाव वाला तानाशाह बता चुके हैं। अब उन्होंने ये तक कह दिया है कि शांति वार्ता में जेलेंस्की की कोई महत्वपूर्ण भागीदारी नहीं है। उनकी उपस्थिति शांति वार्ता को और कठिन बना देगी। यूक्रेन इस वार्ता को और कठिन बना रहा है। इससे और मुश्किलें पैदा होंगी। इसे हम चलने नहीं देंगे। मालूम हो कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव उस समय और बढ़ गया जब रूसी राजनयिकों के साथ वैश्विक नेताओं के बीच हुई युद्धविराम वार्ता से यूक्रेनी प्रतिनिधियों को बाहर रखा गया।

 

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