नई दिल्ली. अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की में नोंकझोंक के बाद पूरी दुनिया में इसी बात की चर्चा हो रही है. जिस तरीके से मीडिया के सामने दोनों देशों के प्रमुख भिड़े उससे रूस-यूक्रेन जंग को रोकने का मामला खटाई में पड़ता दिख रहा है. यूरोप के कई देश यूक्रेन के समर्थन में आकर खड़े हो गये हैं और ट्रंप को अपने ही देश में अपने आक्रामक व्यवहार को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

ट्रंप ने जीती पहली जंग

इस बीच ट्रंप ने ऐलान किया है कि उन्होंने अपनी पहली जंग जीत ली है. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘हमें पुतिन के बारे में चिंता करने में समय नहीं बिताना चाहिए. हमें हमारे देश में घुस रहे प्रवासी रेप गैंग्स, ड्रग माफियाओं, हत्यारों और मानसिक संस्थानों के लोगों के बारे में चिंता करने में ज्यादा समय बिताना चाहिए, ताकि हम यूरोप की तरह न हो जाएं.’

Trump on illegal immigration

अवैध प्रवासियों की संख्या में रिकार्ड गिरावट

इससे पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में दावा किया था कि अपने कार्यकाल के पहले महीने में वह अवैध प्रवासियों की संख्या को ऐतिहासिक रूप से कम करने में कामयाब रहे. ट्रंप ने लिखा  कि ‘हमारे देश पर हमला खत्म हो गया है.‘फरवरी का महीना, ऑफिस में मेरा पहला पूर्ण महीना रहा. अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले लोगों की फरवरी में संख्या सबसे कम थी. अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर 8,326 लोग पकड़े गये. मतलब साफ है कि हमारे देश में बहुत कम लोग अवैध रूप से आये. हमारे देश पर हमला खत्म हो गया है. ट्रंप ने जो बाइडन के कार्यकाल में एक महीने में 300,000 लोग हर महीने अवैध तरीके से अमेरिका में पहुंचते थे और उनमें से ज्यादातर को देश में छोड़ दिया जाता था.

हाथों में हथकड़ी, पैरों में बेड़ियां डालकर वापस भेजे

आपको बता दें कि दोबारा राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका के लिए सबसे बड़ी समस्या बताया था और ऐलान किया था कि सत्ता संभालने के बाद वह ऐसे सभी लोगों को वापस भेजेंगे. 20 जनवरी को ट्रंप ने शपथ ली और अवैध प्रवासियों के प्रवेश और धर पकड़ के सख्त निर्देश दिये. इसका नतीजा यह हुआ कि डर के मारे दुनिया भर के लोगों ने अवैध रूप से अमेरिका जाने का इरादा छोड़ दिया. एजेंटों ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिये. भारत के सैकड़ों लोगों को हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर वापस भारत भेजा जिसको लेकर मोदी सरकार की काफी आलोचना हुई.

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