US-Iran conflict: अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इसके बाद मध्य पूर्व में हालात और विस्फोटक हो गए हैं। इस बीच ईरान ने बड़ा ऐलान किया है। ईरान की संसद ने रणनीतिक रूप से बेहद अहम स्ट्रेट ऑफ होर्मूज को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद दूसरे देशों में तेल की कीमतों में उछाल आना तय है।
यह वही रास्ता है जिससे दुनिया का करीब एक तिहाई समुद्री तेल व्यापार होकर गुजरता है। इस फैसले की जानकारी ईरान के सरकारी प्रेस टीवी ने रविवार को दी। इसके बाद वैश्विक तेल बाजारों और रणनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
बता दें, ‘स्ट्रेट ऑफ होर्मूज’ फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी को जोड़ता है। यह दुनिया के सबसे व्यस्त और संवेदनशील तेल मार्गों में से एक है। कुवैत,सऊदी अरब, इराक, यूएई और कतर जैसे देशों का अधिकांश तेल निर्यात इसी रास्ते के जरिए होता है।
साथ ही यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में से एक है। यह मार्ग करीब 96 मील लंबा है और सबसे संकरे स्थान पर इसकी चौड़ाई मात्र 21 मील है। इस जलमार्ग में दोनों ओर से आवाजाही के लिए मात्र दो मील की शिपिंग लेन है, जिसे ईरान कभी भी बंद कर सकता है। इसे बंद करने के फैसले के बाद अब यह तय है कि कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं, क्योंकि जहाजों की आवाजाही में दिक्कतें आएंगी और परिवहन की लागत कई गुना बढ़ जाएगी।
ईरान की संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्य मेजर जनरल कोवासरी ने सरकारी मीडिया से कहा, ‘स्ट्रेट ऑफ होर्मूज को बंद करने के पक्ष में आम सहमति है, हालाँकि अंतिम फैसला ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा लिया जाएगा।’ मालूम हो कि यह परिषद देश की सर्वोच्च सुरक्षा संस्था है और अंतिम सैन्य और कूटनीतिक निर्णय इसके माध्यम से लिए जाते हैं।
स्ट्रेट ऑफ होर्मूज को बंद करना न केवल एक भौगोलिक कार्रवाई है बल्कि यह अमेरिका और पश्चिम के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका साबित हो सकता है। इस कदम से तेल आपूर्ति, समुद्री व्यापार और विश्व अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। भारत जैसे देश जो अपना अधिकांश तेल पश्चिम एशिया से आयात करते हैं, उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।