Trump Iran policy: संघर्ष विराम के उल्लंघन के बाद मंगलवार को ट्रंप ने इजरायल के हमलों की निंदा की और कहा कि वह इजरायल की कार्रवाई से खुश नहीं हैं। इस बयान के कुछ घंटे बाद ही ट्रंप ने नेतन्याहू को एक और झटका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ईरान में शासन परिवर्तन का विरोध करते हैं, जबकि उन्होंने दो दिन पहले ही संकेत दिया था कि वह इसका समर्थन कर सकते हैं।
नेतन्याहू ने अपने कई भाषणों में कहा है कि ईरान का खामेनेई शासन शांति में बाधा है और वह ईरान के लोगों और क्षेत्र के लिए इसे उखाड़ फेंकेंगे। लेकिन अब ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह ईरान में शासन परिवर्तन के पक्ष में नहीं हैं।
शासन परिवर्तन से अराजकता पैदा होगी
ट्रंप ने नीदरलैंड जाते समय एयरफोर्स वन में पत्रकारों से कहा कि शासन परिवर्तन से ‘अराजकता’ पैदा होगी। इसके विपरीत नेतन्याहू ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अली खामेनेई की मौत से यह लड़ाई बढ़ेगी नहीं, बल्कि खत्म हो जाएगी।
हालांकि, दो दिन पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया था, ‘अगर मौजूदा ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन को क्यों नहीं बदल दिया???’ पर जबसे कतर पर ईरान का हमला हुआ है तब से ट्रंप के सुर बदले हुए हैं और शायद इसलिए अब वह ईरान से पंगा लेने के मूड में नहीं हैं।
पीछे हटा व्हाइट हाउस
यह भी दिख रहा है कि बहस के बढ़ने के बाद व्हाइट हाउस ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। साथ में यह भी कहा कि यह ईरानी लोगों को तय करना है। यह अमेरिकी सेना का लक्ष्य नहीं है। इस युद्ध के बाद ईरान समेत पूरी दुनिया में अली खामेनेई की लोकप्रियता बढ़ गई है।
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