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पाकिस्तान के कारण बढ़ रहा है ‘परमाणु युद्ध’ का खतरा: अमेरिकी थिंक टैंक

अटलांटिक काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट 'एशिया इन सेकेण्ड न्यूक्लियर एज' में कहा है कि ऐसा मालूम पड़ता है कि पाकिस्तान ने अभी तक अपनी परमाणु हथियार योजना का संचालन शुरू नहीं किया है.

अमेरिकी थिंक टैंक
inkhbar News
  • Last Updated: November 27, 2017 09:25:38 IST

वॉशिंगटन. अमेरिकी थिंक टैंक ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आशंका जाहिर करते हुए सनसनीखेज खुलासा किया है. अटलांटिक काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट ‘एशिया इन सेकेण्ड न्यूक्लियर एज’ में कहा है कि पाकिस्तान का रणनीतिक परमाणु हथियार कार्यक्रम रक्षा और सुरक्षा के कारणों से खतरनाक है. साथ ही इसलिए भी खतरनाक है कि वे पारंपरिक युद्ध को नाभिकीय युद्ध के स्तर तक निश्चित तौर पर ले जाएंगे. काउंसिल ने कहा है कि हालांकि पाकिस्तान ने अभी अपने परमाणु युद्ध योजना का खुलासा नहीं किया है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एशिया इन सेकेंड न्यूक्लियर ऐज में अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल इस बात की भी खबर दी है कि पाक की और से अपने परमाणु युद्ध योजना का खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन उसका परमाणु कार्यक्रम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक है. यह परंपरागत युद्ध को परमाणु युद्ध में तब्दील कर सकता है. अमेरिकी थिंक टैंक ने इस महीने जारी रिपोर्ट में कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार कार्यक्रम रक्षा और सुरक्षा के कारणों से खतरनाक है और इसलिए भी खतरनाक है कि वह एक सामान्य लड़ाई को नाभिकीय युद्ध बनाने का सबसे सटीक रास्ता है.

जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान अगर परमाणु हथियार कार्यक्रम को शुरू करता है तो यह दुनिया के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. आतंकियों के हाथ न लगें. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान में जिस तरह के हालात है उनमें अगर परमाणु हथियार अगर किसी आतंकी के हाथ लग गए तो यह हर किसी के लिए घातक साबित हो सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पिछले चार दशकों में पाकिस्तान ने आतंकवाद के जरिए अफगानिस्तान और भारत में अशांति फैलानी चाही है, उससे खुद उसे भी नुकसान हुआ है. हमले पाकिस्तान में भी किए गए हैं. कुछ हमले तो ऐसे संवेदनशील सैन्य अड्डों पर हुए हैं, जहां पर हो सकता है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखे हुए हों.

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