Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई. जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए. भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद किया, SAARC वीजा योजना रद्द की और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करने का आदेश दिया. इन कदमों ने पाकिस्तान को हक्का-बक्का कर दिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल 2025 को इस्लामाबाद में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की आपात बैठक बुलाई. इस बैठक में तीनों सेनाध्यक्ष, ISI प्रमुख, और शीर्ष नागरिक व सैन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक में भारत के कदमों को ‘गैर-कानूनी और एकतरफा’ करार दिया गया.
1. वाघा बॉर्डर बंद: भारत से लोगों की आवाजाही पर तत्काल रोक लगा दी गई. वैध वीजा धारकों को 30 अप्रैल तक लौटने को कहा गया.
2. एयरस्पेस बंद: भारतीय एयरलाइंस के लिए पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से बंद.
3. SAARC वीजा रद्द: सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर, भारतीयों के सभी SAARC वीजा रद्द, 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश.
4. राजनयिक प्रतिबंध: इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के स्टाफ को 30 तक सीमित किया गया. भारतीय सैन्य सलाहकारों को ‘अवांछनीय’ घोषित कर 30 अप्रैल तक निकाला.
5. व्यापार पर रोक: भारत के साथ प्रत्यक्ष या तीसरे देश के रास्ते होने वाला सारा व्यापार निलंबित.
6. शिमला समझौता निलंबन की धमकी: पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों, विशेष रूप से 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखा.
पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के निलंबन को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया. NSC ने कहा ‘यह संधि 240 करोड़ पाकिस्तानियों की जीवनरेखा है. अगर भारत ने पानी रोका या उसकी दिशा बदली, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और पूरे राष्ट्रीय बल से जवाब दिया जाएगा.’ यह बयान पाकिस्तान की आर्थिक निर्भरता को दर्शाता है क्योंकि उसकी 70% अर्थव्यवस्था सिंधु नदी पर टिकी है.
पाकिस्तान ने कश्मीर को ‘अनसुलझा विवाद’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का हवाला दिया और कश्मीरियों के ‘आत्मनिर्णय’ के अधिकार का समर्थन दोहराया. उसने भारत पर कश्मीर में ‘अवैध कब्जा’, आतंकवाद फैलाने, और अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया. हालांकि वैश्विक मंचों पर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का रुख कमजोर पड़ चुका है.
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसकी सेना ‘पूरी तरह तैयार’ है और वह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाएगी. उसने भारत के कदमों को ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ का प्रमाण बताया और जिन्ना के 1940 के प्रस्ताव को प्रासंगिक ठहराया. लेकिन सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी यूजर्स और विश्लेषकों में भारत के कदमों से घबराहट साफ दिख रही है. कुछ ने माना कि भारत के ये कदम पाकिस्तान को लंबे समय तक आर्थिक और कूटनीतिक नुकसान पहुंचाएंगे.
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