नई दिल्ली: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री बांग्लादेश पहुंच गए हैं। वहां जाकर उन्होंने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की। उन्होंने तौहीद हुसैन के सामने अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया। मिस्री का दौरा ऐसे समय में हुआ है जब हिन्दुओं पर हमले को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच में तनाव बढ़ी हुई है।

इस बीच iTV नेटवर्क ने इसे लेकर एक सर्वे किया है। आइए जानते हैं सर्वे के नतीजे…

क्या विदेश सचिव स्तर की वार्ता से बांग्लादेश के बेहतर होंगे भारत से रिश्ते?

हां- 58%
नहीं- 38%
कह नहीं सकते- 4%

विदेश सचिव ने क्या कहा

तौहीद हुसैन से मुलाकात के बाद विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि हमने हालिया घटनाओं पर बात की है। बांग्लादेश के सामने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताओं को रखा है। हिन्दुओं के सांस्कृतिक और धार्मिक संपत्तियों पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं, उसपर भी चर्चा की है। शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद किसी भारतीय विदेश सचिव का यह पहला बांग्लादेश दौरा है।

हमारे रिश्ते बदल गए हैं

बांग्लादेश के विदेश मामलों के एडवाइजर मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भारतीय विदेश सचिव से मुलाकात पर कहा कि 5 अगस्त के बाद से दोनों देशों के रिश्ते में बदलाव आया है। दोनों पक्षों को अपने संबंध आगे बढ़ाने के लिए बदली हुई वास्तविकता को स्वीकार करना पड़ेगा। बता दें कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा था कि मोहम्मद यूनुस को हिन्दुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

सर्वे के अन्य सवाल और उनके जवाब…

बांग्लादेश की पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियों से भारत पर क्या असर पड़ेगा?

बॉर्डर पर तनाव-40%
हिंदू और असुरक्षित होंगे- 35%
नॉर्थ ईस्ट के राज्यों पर असर- 17%
कह नहीं सकते- 8%

शेख हसीना ने यूनुस सरकार के खिलाफ बांग्लादेश की जनता से एकजुट होने अपील की, इसका क्या असर होगा?

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रुकेगी- 28%
पार्टी कार्यकर्ता एकजुट होंगे- 17%
जनता जागरूक होगी- 46%
कह नहीं सकते- 9%

यह भी पढ़ें-

बांग्लादेश जाते ही दहाड़े मोदी के दूत, यूनुस को सुनाया दो टूक- जिहादियों के सामने भारत झुकेगा नहीं