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भारत में फंसी बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना, क्या कभी वापस लौट पाएंगी अपने देश या हमेशा यहीं रहेंगी?

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दिया और भागकर भारत आ गईं। लेकिन अब उनके सामने बड़ा सवाल

बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना
inkhbar News
  • Last Updated: August 22, 2024 16:50:12 IST

नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दिया और भागकर भारत आ गईं। लेकिन अब उनके सामने बड़ा सवाल यह है कि वो आगे क्या करें? उनके पास अब दो ही रास्ते बचे हैं: या तो वो वापस बांग्लादेश जाएं, जहां उनके खिलाफ कई गंभीर आरोपों के तहत मुकदमे दर्ज हैं, या फिर भारत में ही शरण लें। हालांकि, भारत सरकार भी उन्हें लंबे समय तक यहां रहने देने के पक्ष में शायद नहीं होगी। तो अब शेख हसीना के पास क्या विकल्प हैं? आखिर क्यों वो किसी अन्य देश में शरण नहीं ले पा रही हैं, और बांग्लादेश लौटना उनके लिए क्यों इतना मुश्किल हो गया है?

भारत में शरण, लेकिन आगे का रास्ता क्या?

जब शेख हसीना अचानक भारत आईं, तो उम्मीद थी कि कुछ समय बाद वो किसी अन्य देश में शरण ले लेंगी। लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो पाया, क्योंकि कोई भी देश उन्हें शरण देने के लिए तैयार नहीं है। अब स्थिति यह है कि उनका पासपोर्ट भी रद्द हो चुका है, जिसके चलते वे किसी अन्य देश में यात्रा नहीं कर सकतीं। इस स्थिति में, शेख हसीना को मजबूरन भारत में ही रहना पड़ सकता है।

बांग्लादेश की सरकार ने रद्द किया पासपोर्ट

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व मोहम्मद युनूस कर रहे हैं, ने शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। इसका मतलब है कि अब उनके पास विदेश यात्रा करने का कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है। हालांकि, उनके पास बांग्लादेश लौटने का विकल्प भी है, लेकिन ऐसा करने पर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

गंभीर आरोपों में फंसीं शेख हसीना

तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकीं शेख हसीना पर वर्तमान अंतरिम सरकार ने हत्या, नरसंहार और अपहरण के 30 से भी अधिक मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें से 26 मामले हत्या के, 4 नरसंहार के और एक मामला अपहरण का है। ये आरोप शेख हसीना के अलावा उनके परिवार के सदस्यों, जैसे उनके बेटे, बेटी और बहन पर भी लगाए गए हैं। अगर वे या उनका परिवार बांग्लादेश लौटता है, तो गिरफ्तारी तय है।

प्रत्यर्पण संधि बनेगी शेख हसीना के लिए चुनौती?

अगर बांग्लादेश सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की, तो भारत सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी। भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 से प्रत्यर्पण संधि है, जिसके तहत किसी अपराधी को उसके देश की सरकार को सौंपा जा सकता है। भारत ने पहले भी कई मामलों में दूसरे देशों से अपराधियों का प्रत्यर्पण कराया है।

क्या भारत सरकार शेख हसीना का प्रत्यर्पण करेगी?

जब तक शेख हसीना पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था, तब तक उनकी शरण राजनीतिक मानी जा रही थी। लेकिन अब उन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जिसके चलते उनकी स्थिति अपराधी जैसी हो गई है। अगर बांग्लादेश सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की आधिकारिक मांग की, तो भारत सरकार के लिए यह एक गंभीर राजनीतिक और कूटनीतिक चुनौती होगी।

बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी की मांग और भारत की स्थिति

शेख हसीना की धुर विरोधी खालिदा जिया की पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। हालांकि, यह मांग फिलहाल राजनीतिक है, लेकिन अगर बांग्लादेश की सरकार ने भी इसी तरह की मांग की, तो भारत को अपनी स्थिति पर विचार करना होगा।

क्या शेख हसीना भारत में ही रहेंगी?

फिलहाल, शेख हसीना भारत में सुरक्षित हैं। लेकिन लंबे समय तक उनका यहां रहना भारत के लिए कूटनीतिक मुश्किलें खड़ी कर सकता है। यह मामला सिर्फ शेख हसीना का नहीं, बल्कि भारत-बांग्लादेश के बीच के संबंधों का है, जो दक्षिण एशिया में भारत की शांति और स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अब देखना यह है कि आगे भारत सरकार और विदेश मंत्रालय इस संवेदनशील मुद्दे को कैसे संभालते हैं।

 

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