पेरिस में महिलाएं फासीवाद के खिलाफ टॉपलेस होकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। 8 मार्च को जब पूरी दुनिया में महिला दिवस मनाया जा रहा था, तब फ्रांस में महिलाएं टॉपलेस होकर विरोध मार्च निकाल रही थीं। यह विरोध प्रदर्शन कट्टरपंथी नारीवादी समूह फेमेन से जुड़ी महिलाओं ने किया। इस दौरान उन्होंने अपने स्तनों पर नाजी का चिन्ह बनाया और छाती पर फासीवाद महामारी लिखा। 40 महिलाओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

अहिंसक तरीके से किया प्रदर्शन

सबसे पहले फ्रांस में हुए टॉपलेस विरोध प्रदर्शन की बात करें तो इसकी फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इंस्टाग्राम पर फेमेन के आधिकारिक पेज पर कई फोटोज थीं। इस पोस्ट में लिखा था। हमारी पैदल सेना हमेशा निहत्थे और अहिंसक तरीके से तैयार रहेगी। हम दुनिया भर में पितृसत्ता की हिंसक लहर से अपनी आंखें नहीं मूंदेंगे। इस कट्टरपंथी नारीवादी संगठन ने व्लादिमीर पुतिन, एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप को फासीवादी के तौर पर पेश करने की कोशिश की। उन्होंने उन पर महिलाओं और समलैंगिकों की पहचान मिटाने का भी आरोप लगाया।

 

पहली बार कब टॉपलेस प्रदर्शन हुआ

दुनियाभर में तमाम तरह के प्रदर्शन अक्सर देखने को मिलते हैं, लेकिन विकीपीडिया की मानें तो प्रदर्शन के लिए कपड़े उतारने जैसा काम पहली बार 1650 के दशक में क्वेकर्स (ईसाई धर्म के लोग जो धार्मिक सोसाइटी ऑफ फ्रेंड्स से जुड़े हैं) ने किया था. उन्होंने न्यूडिटी को एक सिंबल के रूप में दिखाने का प्रयास किया था. इसके बाद इस रणनीति के तरह विरोध कनाडा में 1903 में स्वोबोडनिकी द्वारा किया गया था. इसके बाद इस रणनीति का इस्तेमाल कई देश अक्सर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान करते हुए नजर आते हैं.

 

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