Inkhabar
  • होम
  • दुनिया
  • बांग्लादेश के लिए कलंक है यूनुस! दिल्ली से ऐसी दहाड़ीं शेख हसीना, कांप उठा ढाका

बांग्लादेश के लिए कलंक है यूनुस! दिल्ली से ऐसी दहाड़ीं शेख हसीना, कांप उठा ढाका

भारत की राजधानी दिल्ली में बैठीं शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार कट्टरपंथियों की समर्थक हैं और वो आजादी की विरोधी है।

Sheikh Hasina-Mohammed Yunus
inkhbar News
  • Last Updated: December 16, 2024 23:35:11 IST

नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विजय दिवस को लेकर एक बयान जारी किया है। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर जमकर निशाना साधा है। हसीना ने यूनुस की सरकार को बांग्लादेश के लिए कलंक बताया है। उन्होंने कहा कि यूनुस इस वक्त एक फासीवादी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

ये आजादी विरोधी सरकार है

भारत की राजधानी दिल्ली में बैठीं शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार कट्टरपंथियों की समर्थक हैं और वो आजादी की विरोधी है। हसीना ने कहा कि इस सरकार ने देश विरोधी ताकतों और विदेशी षड्यंत्रों के जरिए सत्ता पाई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये असंवैधानिक सरकार ज्यादा दिनों तक सत्ता में नहीं रह पाएगी।

देश छोड़ने पर कही ये बात

बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश छोड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अगर वह बांग्लादेश न छोड़तीं तो वहां पर नरसंहार होता। न्यूयॉर्क के एक सेमिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस पर जमकर निशाना साधा। हसीना ने कहा कि बांग्लादेश में इस वक्त जो कत्लेआम हो रहा है उसके लिए सीधे तौर पर मोहम्मद युनूस जिम्मेदार हैं।

शेख हसीना ने क्या कहा

शेख हसीना ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आज बांग्लादेश में शिक्षकों पर हमला हो रहा है। अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और ईसाईयों को निशाना बनाया जा रहा है। उन पर हमले किए जा रहे हैं, उनके घरों को निशाना बनाया जा रहा है और इसके लिए मोहम्मद युनूस और उनकी अंतरिम सरकार जिम्मेदार है।

ये सिलसिला जारी रहा तो…

पूर्व पीएम हसीना ने कहा कि अगर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले का ये सिलसिला जारी रहा तो फिर वहां पर विदेशी हस्तक्षेप और बढ़ेगा. बांग्लादेश और भी ज्यादा संकट में घिरता जाएगा। हसीना ने कहा कि अगर मैं बांग्लादेश नहीं छोड़ती तो फिर वहां पर जनसंहार होता। इस जनसंहार को रोकने के लिए ही मैंने देश को छोड़ने का फैसला किया।