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IGNOU Fake Degree Scam: परीक्षा दिए बिना ही 4 हजार छात्रों को मिली डिग्री

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कठुआ जिले के केंद्र में चल रहे फेक डिग्री स्कैम का खुलासा किया है. राज्य पुलिस की अपराध शाखा का दावा है कि इस केंद्र से करीब 4 हजार छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही डिग्रियां जारी कर दी गई हैं. फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

IGNOU Fake Degree Scam: 4000 students issued degrees without appearing for IGNOU exam in Kathua district Center
inkhbar News
  • Last Updated: July 4, 2018 19:31:45 IST

कठुआ. जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कठुआ जिले के केंद्र में फेक डिग्री स्कैम का पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच का दावा है कि बिना परीक्षा में शामिल हुए, इग्नू की इस ब्रांच ने करीब 4 हजार छात्रों को फर्जी डिग्रियां बांटी हैं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने इस मामले में कहा है कि यह घोटाला उस समय सामने आया, जब पुलिस को सूचना मिली की एक प्रशांत भंडारी नामक शख्स अपने एक सहयोगी के साथ साल 2014-15 में इग्रू के इस केंद्र में फर्जी तरह से परीक्षा में शामिल करने और छात्रों को एडमिशन कराने में शामिल था.

क्राइम ब्रांच प्रवक्ता के मुताबिक, कठुआ जिले के बिल्लावर कस्बे में स्थापित इस केंद्र में करीब 4 हजार छात्रों का एडमिशन दिखाया गया लेकिन अभी तक कोई परीक्षा नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि उन सभी छात्रों को परीक्षा में शामिल दिखाने के बाद उनकी डिग्रियां भी जारी कर दी गई हैं. प्रवक्ता ने आगे बताया कि हर साल केंद्र जनवरी और जुलाई में दो प्रवेश सत्र का संचालन करता है. इसके साथ ही जून और दिसंबर महीने में दो परीक्षा सत्र संचालि करता है. जिसमें 800 से लेकर 1200 छात्र हर एक सत्र में प्रवेश करते हैं.

अपराध शाखा के प्रवक्ता ने इस मामले की शुरुआती जांच के आधार पर कहा कि पड्डर, चटरू , कटरा, किश्तवाड़ केंद्रों से फर्जी अटेंडेस रिकोर्ड और उत्तर पुस्तिकाएं इग्नू में भेजी गईं है. जिसके एवज में हर एक छात्र से हजारों रुपए वसूल किए गए थे. उन्होंने बताया कि अध्यक्ष एंव एक अज्ञात बैंक अकांउट के जरिए सभी पैसों का लेन-देन किया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि इग्रू के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर भंडारी और सहयोगी भूपेन्द्र गुप्ता यह फर्जी कार्य किया है. प्रवक्ता ने कहा कि इस घोटाले में क्षेत्रीय केंद्रों में इग्नू और डाकघर के अधिकारी नकली उत्तर पत्र तैयार करने में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में केस दर्ज किया गया है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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