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Bogibeel Bridge Facts: जानें, 21 साल की मेहनत के बाद बने बोगीबील ब्रिज के बारे में वो बातें जो आपको गूगल भी नहीं बताएगा

Bogibeel Bridge Facts: भारत के सबसे लंबे डबल डेकर रेल और रोड ब्रिज का उद्घाटन होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुल का उद्घाटन 25 दिसंबर 2018 को करेंगे. ये पुल भारतीय रेलवे ने बनाया है. आधारशिला रखे जाने के 21 साल बाद ये पुल बनकर तैयार हुआ है. कहा जा रहा है कि ये पुल भारत की शान में से एक होगा. इस पुल की कई खासियत हैं.

Bogibeel Bridge Facts
inkhbar News
  • Last Updated: December 24, 2018 12:36:51 IST

नई दिल्ली. Bogibeel Bridge Facts:  बोगीबील (Bogibeel Bridge), भारत का सबसे लंबा रेल रोड पुल 25 दिसंबर को आम जनता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के बाद खोला जाएगा. 25 दिसंबर को क्रिसमस और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के मौके पर इसका उद्घाटन किया जाएगा. इस पुल में कई ऐसी खासियत हैं जो इसे भारत की शान का हिस्सा बना देगा.

16 साल में इस पुल का निर्माण काम पूरा किया गया है. हालांकि इस पुल की आधारशिला 21 साल पहले रखी गई थी. 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इस पुल की आधारशिला रखी थी लेकिन उस समय पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ. साल 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने इसका अधूरा निर्माण कार्य शुरु करवाया लेकिन तब भी इसका काम पूरा नहीं करवाया जा सका. अब पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पुल का निर्माण पूरा करवा दिया है और अब इसका उद्घाटन किया जाएगा.

जानें क्या है खास (Bogibeel Bridge Asam)
ये (Bogibeel Bridge Facts) पुल गुवाहाटी से तकरीबन 442 किलोमीटर दूर स्थित है. ये ब्रहम्पुत्र नदी पर बनाया गया है जिससे असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ा गया है. दोनों राज्यों के शहरो धेमाजी और डिब्रूगढ़ की दूरी 500 किलोमीटर की थी. इस दूरी को तय करने में 34 घंटे लगते थे. बोगीबील पुल से अब ये दूरी केवल 100 किलोमीटर की रह गई है जिसे तय करने में केवल 3 घंटे का समय लगेगा. भारतीय रेलवे ने ये डबल डेकर ब्रिज बनाया है. यह पुल 4.94 किलोमीटर लंबा है. ये भारत का सबसे लंबा रेल-रोड ब्रिज है.

इसमें (Bogibeel Bridge) नीचे के हिस्से में दो रेलवे लाइन दी गई हैं साथ ही उपर के हिस्से में तीन लेन की रोड बनाई गई है. इस रोड पर भारी मिलिट्री टैंक को चलाने की भी क्षमता है. पुल की आधारशिला रखे जाने पर इसके निर्माण की लागत 1767 करोड़ रुपये अनुमानित की गी थी लेकिन इस पुल की लागत 5920 करोड़ आई है. इस पुल से अरुणाचल प्रदेश के लोगों को मेडिकल सुविधाएं पाने के लिए रास्ते को आसान बना दिया गया है. वहीं भारतीय सेना के लिए ये भी ये खास है क्योंकि इस पुल से अब आपातकाल के समय तिब्बत से सेना और सामान भारत में लाया जा सकता है.

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