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नवरात्र 2017: पहले नवरात्र को इस मुहूर्त और मंत्र के साथ करें कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैं. पहले नवरात्र पर कलश स्थापना और चौकी लगाई जाती है. इस शुभ कार्य को मुहूर्त के अनुसार किया जाता है. बता दें पहले नवरात्र पर मां शैलपुत्रि की पूजा की जाती है.

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  • Last Updated: September 21, 2017 02:03:35 IST
नई दिल्ली. नवरात्र 2017 में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैं. पहले नवरात्र पर कलश स्थापना और चौकी लगाई जाती है. इस शुभ कार्य को मुहूर्त के अनुसार किया जाता है. बता दें पहले नवरात्र 2017 पर मां शैलपुत्रि की पूजा की जाती है.
 
सबसे पहले ध्यान दें कि नवरात्र चौकी लगाने से पूर्व मंदिर को अच्छे से साफ सफाई कर लें. उसके बाद ही चौकी लगाने की तैयारी करें. पूजा में सबसे महत्वपूर्ण कलश स्थापना होती है. कलश पर स्वास्तिक बनाएं और मौली बांधे. 5 या 7 आम के पत्ते कलश पर लगाएं. कलश में सुपारी, सिक्का, चावल के दानें डालकर पानी भरकर रख दें. इसके बाद कलश को नौ दिनों के लिए स्थापित कर दें.
 
 
नवरात्र 2017 : मां दुर्गा का कलश स्थापना का मुहूर्त 
नवरात्रों  2017 में सबसे अहम माता की चौकी होती है. जिसे शुभ मुहूर्त देखकर लगाया जाता है. माता की चौकी लगाना के लिए भक्तों के पास 21 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट तक का समय है.
 
मां शैलपुत्री की करें पूजा
आज पहला नवरात्र 2017 है. आज के दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मंदिर में मां शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां की प्रतिमा को तिलक करें. इसके बाद जोत जलाएं, और जोत लेने के लिए गोबर के उपले को जला कर लौंग इलायची का भोग लगाएं. 
 
इस मंत्र का करें उच्चारण
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्द्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥
 
 
इस मंत्र का अर्थ ये होता है कि  और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है. यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है. नवरात्रि के प्रथम दिन देवी उपासना के अंतर्गत शैल पुत्री का पूजन करना चाहिए.
 

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