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महात्मा गांधी हत्या की दोबारा जांच वाली याचिका में पक्षकार बनना चाहते हैं बापू के पोते

1948 में महात्मा गांधी की हत्या की फिर से जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के दौरान गाँधी जी के पोते तुषार गांधी ने इस मामले में पक्षकार बनने की मांग की.

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  • Last Updated: October 30, 2017 06:15:25 IST
नई दिल्ली. 1948 में महात्मा गांधी की हत्या की फिर से जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के दौरान गाँधी जी के पोते तुषार गांधी ने इस मामले में पक्षकार बनने की मांग की. वही पूर्व इस मामले में अमिकस क्यूरी अमरेंद्र शरण ने कहा कि उन्हें 4 हफ़्ते का समय दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने तुषार गांधी के वक़ील इंद्रा जय सिंह से पूछा कि इस मामले में उनका पक्षकार बनने का आधार क्या है? कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सेंटिमेंट के अलावा आपका क्या आधार है कि आपको पक्ष बनाया जाए. कोर्ट ने कहा अगली सुनवाई पर तुषार गांधी ये बताये की उनका पक्षकार बनने का आधार क्या है ? कोर्ट 4 हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगा.  
 
पिछली सुनवाई में कोर्ट इस मामले में कोर्ट की मदद के लिए पूर्व अडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमरेंद्र शरण को सलाहकार (अमिकस क्यूरी) नियुक्त किया. दरअसल, याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राष्ट्रपिता की हत्या एक संदिग्ध व्यक्ति ने की थी, जिसने उन पर ‘चौथी गोली’ दागी थी. याचिकाकर्ता ने एक डॉक्यूमेंट्री के साक्ष्यों का हवाला देते हुए दावा किया है कि महात्मा गांधी के असली हत्यारे को कभी पकड़ा नहीं गया.
 
गौरतलब है कि ‘अभिनव भारत’ के संस्थापक पंकज फड़नीस की याचिका पर बेंच सुनवाई कर रही है. उन्होंने बापू की हत्या में तीन गोली मारने की बात को चुनौती दी है. इससे पहले पंकज की याचिका बांबे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उन्होंने अपने दावों के आधार पर जोर देकर कहा है कि बापू पर चौथी गोली दागी गई थी और उसी से उनकी जान गई. 
 
 

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