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Uttarpradesh Election: स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने से बिगड़ा सपा का चुनावी समीकरण, कइयों का कट सकता है पत्ता

Uttarpradesh Election उत्तरप्रदेश.  Uttarpradesh Election उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने साइकिल की सवारी कर ली है. स्वामीप्रसाद मौर्य के साथ-साथ कई विधायकों ने पार्टी का दामन थामा हैं. भले ही स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में जाने से पार्टी को सियासी फायदा दिखा रहा हो, लेकिन […]

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  • Last Updated: January 18, 2022 22:07:09 IST

Uttarpradesh Election

उत्तरप्रदेश.  Uttarpradesh Election उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने साइकिल की सवारी कर ली है. स्वामीप्रसाद मौर्य के साथ-साथ कई विधायकों ने पार्टी का दामन थामा हैं. भले ही स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में जाने से पार्टी को सियासी फायदा दिखा रहा हो, लेकिन इसके साथ-साथ पार्टी के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. कई नए विधायकों और मंत्रियों के पार्टी में जुड़ने से पार्टी में पहले से मौजूद लोगों के लिए सियासी समीकरण बिगड़ गया है. कई सीटों पर मामला पेंचीदा हो गया है तो वहीँ कई सीटों पर नेताओं के अरमानों पर पानी फिरता नज आ रहा हैं.

ऊंचाहार सीट पर मनोज पांडेय की चिंता

स्वामी प्रसाद मौर्याा और उनके साथ आए विधायकों से सबसे ज़्यादा नुक्सान दो मौजूदा विधायकों को हुआ हैं. इसमें सबसे पहली सीट रायबरेली ज़िले की ऊंचाहार है, यह से मनोज पांडेय सपा से दो बार विधायक रह चुके है. मनोज पांडेय तीसरी बार भी इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते है लेकिन उनके सामने इसी सीट से स्वामी प्रसाद के बेटे उत्कृष्ट मौर्य भी दावेदार है. जिस तरह स्वामी प्रसाद मौर्य का सियासी सफर रहा है, ऐसे में मनोज पांडेय को अपनी सीट खिसकती हुई नजर आ रही हैं.

जलालाबाद सीट पर शरद वीर सिंह

शाहजहांपुर जिले की जलालाबाद में स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थको के आने से सियासी समीकरण बिगड़ गया है. विधायक शरद वीर सिंह के सामने सपा में हालही में शामिल हुए पूर्व विधायक नीरज मौर्य भी इस सीट की दावेदारी कर रहे है. ऐसे में इस सीट पर भी सस्पेंस बना हुआ है.

बिधूना सीट पर नवल किशोर की चिंता

औरैया जिले की बिधूना विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक रहे विनय शाक्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य की अगवाई में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. विनय शाक्य अपने भाई देवेश शाक्य को बिधूना सीट से चुनाव लड़ना चाहते है, लेकिन उस सीट पर पहले से मौजूद विधायक नवल किशोर इस विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत फिर से आजमाना चाहते है, जो विनय शाक्य के रहते उन लिए मुश्किल नजर आ रही है.

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