उत्तरप्रदेश, Swati singh divorce उत्तरप्रदेश में बीजेपी को प्रचंड जीत मिलने के बाद पार्टी के एक विधायक के लिए यह जीत दुखद साबित होते हुए दिख रही है. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रही स्वाति सिंह ने अपने पति व बलिया से वर्तमान विधायक दयाशंकर सिंह के खिलाफ तलाक का मुकदमा दर्ज किया है. इससे पहले भी वे अपने पति के खिलाफ फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुकी है, लेकिन तब अर्जी गैरहाजिरी के चलते खरिज हो गई थी. वहीँ स्वाति सिंह की याचिका को अपर पारिवारिक न्यायाधीश शुचि श्रीवास्तव ने पत्रावली पर लेते हुए अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
इस बार विधानसभा चुनाव में स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह ने यूपी के बलिया से चुनाव लड़ा था और वे अच्छे मार्जिन से इस चुनाव को जीते है. वहीं उनकी पत्नी स्वाति सिंह जो एक हाउस वाइफ से लेकर योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री बनी थी, उनका इस बार पार्टी ने सरोजनीनगर से टिकट काटकर राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा था.
दरअसल, स्वाति सिंह की राजनीति में एंट्री बड़े ही नाटकीय तरीके से हुई है. उनके पति दयाशंकर सिंह ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके चलते बीजेपी की छवि ख़राब हुई थी और उन्हें पार्टी ने बाहर निकल दिया था.
इसी दौरान बहुजन समाज पार्टी के कुछ नेताओं और नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर सिंह की पत्नी और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनकी पत्नी स्वाति सिंह बीएसपी के नेताओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. बीजेपी ने स्वाति सिंह की फायरब्रांड छवि को देखते हुए उन्हें सीधे प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद पार्टी ने उन्हें साल 2017 के चुनाव में सरोजनीनगर ने टिकट दिया और बाद में जीत दर्ज करने पर मंत्री भी बनाया था. लेकिन इस बार 22 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया और उनकी जगह राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा था.
बीजेपी नेता और वर्तमान विधायक दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच मनमुटाव की ख़बरें साल 2017 से आने लगी थी. लेकिन मंत्री पद पर आते ही स्वाति सिंह ने इस मामले को रफू चक्कर कर दिया था. हालांकि इस बार कुर्सी न मिलने के बाद एक बार फिर उन्होंने अदालत में तलाक को लेकर अर्जी दाखिल की है.