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इजरायल में न्यायिक कानून को लेकर तेज हो सकता है विरोध-प्रदर्शन, जनता से की गई शांति की अपील

नई दिल्ली: इजरायल की वर्तमान सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार ने एक 24 जुलाई को लम्बे समय से विवादों में चले आ रहे न्यायिक सुधार बिल को कानून बना दिया. इस कानून में सुप्रीम कोर्ट की ताकत कम करने वाले प्रावधान हैं, दक्षिणपंथी सरकार के इस बिल का पिछले सात महीने […]

(इजरायल में न्यायिक कानून के खिलाफ प्रदर्शन तेज))
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  • Last Updated: July 28, 2023 20:12:50 IST

नई दिल्ली: इजरायल की वर्तमान सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार ने एक 24 जुलाई को लम्बे समय से विवादों में चले आ रहे न्यायिक सुधार बिल को कानून बना दिया. इस कानून में सुप्रीम कोर्ट की ताकत कम करने वाले प्रावधान हैं, दक्षिणपंथी सरकार के इस बिल का पिछले सात महीने से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था. इस कानून को लेकर इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने वहां के लोगों से हिंसा न करने की अपील की है. इजरायली संसद में इस विधेयक को सत्ता पक्ष दक्षिणपंथी सरकार के सभी 64 सांसदों ने समर्थन दिया. लेकिन वहीं विपक्ष के सभी सांसदों ने इस बिल के खिलाफ वोट डाला.

जनता क्यों कर रही है विरोध?

इजरायल में इस कानून के खिलाफ इस वर्ष की शुरुआत यानी जनवरी से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि यह कानून देश की न्यायपालिका को कमज़ोर कर देगा, जिससे इजरायल में लोकतंत्र नहीं रहेगा और सारी शक्तियां सरकार के पास आ जाएंगी. इसके बाद सरकार निरंकुश हो जाएगी. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने भविष्य में प्रदर्शनों को तेज़ करने की चेतावनी भी दी है. इसी कारण प्रधानमंत्री ने लोगों से शांति की अपील भी की. प्रधानमंत्री के साथ ही इजरायल के राष्ट्रपति ने भी जनता से कहा कि मैं हर एक व्यक्ति से गुजारिश करता हूं कि शांति बनाए रखें. अगर किसी को भी विरोध जताना हैं वो विरोध करें मगर उन्हें हिंसा नहीं करनी चाहिए.

खत्म हो जाएगी सुप्रीम कोर्ट की पॉवर?

बता दें कि इजरायल की संसद में जो नया बिल पेश किया गया है उसका एक विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी पलटने की इजाज़त देता है. दूसरा विधेयक संसद को जजों की नियुक्ति पर अंतिम फैसला देने का अधिकार देता है. इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच किसी भी तरह बात नहीं बन पाई, विपक्ष ने कहा कि ये बिल इजरायल को तबाह कर देगा. अब देखना होगा कि इस न्यायिक सुधार बिल पर कानूनी कार्यवाही सात सितम्बर को इजरायल के सुप्रीम कोर्ट में होगी, उसमें अदालत का अंतिम फैसला क्या होगा.

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