Inkhabar

जानें कोकिलावन में विराजे शनिदेव की कहानी

मथुरा से 60 किमी की दूरी पर स्थित कोकिलावन में शनि का बेहद प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि शनि जब यहां आये तो कृष्ण ने उन्हें एक जगह स्थिर कर दिया ताकि ब्रजवासियों को उनसे कोई कष्ट न हो. प्रत्येक शनिवार को यहां पर आने वाले श्रद्धालु शनि भगवान की 3 किमी की परिक्रमा करते हैं. शनिश्चरी अमावस्‍या को यहां पर विशाल मेले का आयोजन होता है. कोकिलावन के शनि मंदिर से नंदगांव का नजारा भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. जब कि नंदराय मंदिर के ऊपर से आप ब्रज के हरे भरे भूभाग, इसके प्राकृतिक सौंदर्य, कोकिलावन के शनि मंदिर और बरसाना के राधारानी के महल का दर्शन कर सकते हैं.

kokilawan
inkhbar News
  • Last Updated: March 29, 2016 12:01:31 IST
नई दिल्ली. मथुरा से 60 किमी की दूरी पर स्थित कोकिलावन में शनि का बेहद प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि शनि जब यहां आये तो कृष्ण ने उन्हें एक जगह स्थिर कर दिया ताकि ब्रजवासियों को उनसे कोई कष्ट न हो. प्रत्येक शनिवार को यहां पर आने वाले श्रद्धालु शनि भगवान की 3 किमी की परिक्रमा करते हैं. शनिश्चरी अमावस्‍या को यहां पर विशाल मेले का आयोजन होता है. कोकिलावन के शनि मंदिर से नंदगांव का नजारा भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. जब कि नंदराय मंदिर के ऊपर से आप ब्रज के हरे भरे भूभाग, इसके प्राकृतिक सौंदर्य, कोकिलावन के शनि मंदिर और बरसाना के राधारानी के महल का दर्शन कर सकते हैं.
 
मंदिर की पूरी कहानी जानने के लिए देखिए इंडिया न्यूज़ का खास कार्यक्रम धर्मचक्र.

Tags